मां-बाप से की बदतमीजी तो जाना पड़ सकता है जेल, देना पड़ेगा जुर्माना, लोकसभा में पास हुआ ये विधेयक

विधेयक में वरिष्ठ नागरिकों के लिए गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने एवं उनके साथ दुर्व्यवहार करने पर छह माह तक कारावास या 10 हजार रूपये जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान किया गया है

Asianet News Hindi | Published : Dec 11, 2019 1:24 PM IST / Updated: Dec 11 2019, 08:08 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्यण संशोधन विधेयक पेश किया गया जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने एवं उनके साथ दुर्व्यवहार करने पर छह माह तक कारावास या 10 हजार रूपये जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान किया गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने निचने सदन में उक्त विधेयक पेश किया। 

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि इससे संबंधित अधिनियम पर विचार करने के बाद सचिवों के समूह ने एक समान आयु के वरिष्ठ नागरिकों को सभी फायदा देने, वरिष्ठ नागरिकों के लिये भरण पोषण की रकम में वृद्धि करने और गृह देखरेख सेवाओं के मानकीकरण की सिफारिश की है। इसके अंतर्गत पुत्रवधू और दामाद को बालक की परिभाषा की परिधि में लाने की बात भी कही गई है। 

10 हजार रुपये की ऊपरी सीमा को हटाने की बात 

इसका मकसद माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भरण पोषण के लिये आवेदन प्रस्तुत किये जाने में वृद्धि करना, अस्सी वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के आवेदनों सहित भरण पोषण आवेदनों का शीघ्र निपटान का उपबंध करना है। इसमें मासिक भरण पोषण की 10 हजार रुपये की ऊपरी सीमा को हटाने की बात कही गई है।

इसके तहत प्रत्येक जिले में वरिष्ठ नागरिकों के लिये विशेष पुलिस यूनिट का गठन करने तथा प्रत्येक थाने में वरिष्ठ नागरिकों के लिये शीर्ष अधिकारी नियुक्त करने तथा वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन रखने की बात कही गई है। विधेयक में दुर्व्यवहार के रूप में शरीरिक रूप से दुर्व्यवहार, गाली गलौच करना, भावनात्मक दुर्व्यवहार, आर्थिक रूप से दुर्व्यवहार, अनदेखी करना और परित्याग, हमला करना, चोट पहुंचाना, शरीरिक एवं मानसिक रूप से कष्ट देना शामिल किया गया है।

एक हेल्प लाइन स्थापित करेगी सरकार

इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिये एक हेल्प लाइन स्थापित करेगी जिसका पूरे देश में एक समान नंबर होगा तथा जिसे स्वास्थ्य देखरेख, पुलिस विभाग और संबद्ध अभिकरणों से जोड़ा जायेगा। इसमें कहा गया है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी अस्पताल चाहे, वे सरकार द्वारा पूर्णत: या अंशत: वित्त पोषित हों या निजी स्वास्थ्य संबंधी देखरेख संस्थाएं हों, वरिष्ठ नागरिकों को यथासंभव विस्तर प्रदान करती है।

घर पर देखरेख सेवाएं भी होगी उपलब्ध

सरकार या कोई संगठन, ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को जो किसी भौतिक या मानसिक दुर्बलता के कारण दैनिक जीवन के क्रियाकलापों को करने में कठिनाई महसूस करते हैं तो उनके गृह पर देखरेख सेवाएं उपलब्ध करा सकेगा। विधेयक में वरिष्ठ नागरिकों के लिये प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान किया गया है ताकि वे भरण पोषण और सहायता के दावों का निपटारा कर सकें। ऐसे वरिष्ठ नागरिकों जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक हो, उनका निपटारा 60 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)

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