पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव आए दिन होती रहती है। कई बार दोनों जिम्मेदार सार्वजनिक रूप से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं। तीसरी बार ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद दोनों के बीच तल्खियां काफी बढ़ी हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar) व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) के बीच गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। 21 जुलाई के बीजेपी के विरोध में टीएमसी (TMC) के आंदोलन पर राज्यपाल धनखड़ ने सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। धनखड़ ने अपने पत्र में कहा टीएमसी ने बीजेपी के खिलाफ एक आंदोलन का ऐलान करते हुए 21 जुलाई 2022 को भाजपा के खिलाफ जिहाद (Jihad against BJP) की घोषणा की है। ममता बनर्जी का यह ऐलान लोकतंत्र की मौत की घंटी को दर्शाता है। उन्होंने पत्र में कहा कि इस सत्तावादी और अलोकतांत्रिक बयान को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को वापस लेना चाहिए।
किसी राजनीतिक दल के लिए यह अच्छा नहीं
राज्यपाल ने कहा कि यह एक लोकतांत्रिक देश के लिए बेहद घातक है। कैसे किसी राजनीतिक दल के विरोध में जेहाद कर सकते हैं। ऐसे खतरनाक बयान को वापस लेना चाहिए। पश्चिम बंगाल में पहले से ही संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां रूल ऑफ लॉ को किसी भी सूरत में लागू किया जाना चाहिए। कैसे कोई संविधान से ऊपर उठकर राज कर सकता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी का दस सदस्यीय डेलीगेशन नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी की अगुवाई में उनसे मिला था। बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी के आसनसोल में बीजेपी के खिलाफ जेहाद के ऐलान को असंवैधानिक व्यवहार बताते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। राज्यपाल ने कहा कि कई मौकों पर वह टीएमसी नेताओं व मुख्यमंत्री से यह कह चुके हैं कि राज्य सरकार संविधान व कानून की धज्जियां उड़ा रही है।
मुख्यमंत्री ने किया है बीजेपी के खिलाफ जेहाद का ऐलान
राज्यपाल धनखड़ ने बताया कि आसनसोल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के खिलाफ 21 जुलाई को जेहाद का ऐलान किया है। यह किसी भी सूरत में असंवैधानिक है और सिविल सोसाइटी में मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ऐसे बयान को वापस लेने को कहा है। ऐसे घातक बयान नहीं आने चाहिए।
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