पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। जिसमें उन्होंने कहा, गंगासागर मेला कुंभ मेले जैसा है। केंद्र सरकार ने कुंभ मेले के लिए धनराशि दी थी लेकिन गंगासागर के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं दी।
कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। जिसमें उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य में आयोजित होने वाले वार्षिक गंगासागर मेले के लिए धनराशि मुहैया नहीं करायी जबकि कुंभ मेले के लिए उसने काफी मदद की थी। शहर के ओटराम घाट पर गंगासागर मेला 2020 का शुभारंभ करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘गंगासागर मेला कुंभ मेले जैसा है। केंद्र सरकार ने कुंभ मेले के लिए धनराशि दी थी लेकिन गंगासागर के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं दी। ’’
दिया जाएगा बीमा कवर
ममता बनर्जी ने कहा कि 9 जनवरी से लेकर 17 जनवरी तक गंगा सागर की यात्रा करने वाले प्रत्येक लोगों को 5 लाख का बीमा कवर दिया जाएगा। सरकार तीर्थयात्रा पर लगने वाले कर को नहीं लेने का फैसला पहले ही कर चुकी है। कुंभ मेले का आयोजन हरिद्वार, इलाहाबाद, नासिक और उज्जैन में होता है। मकर संक्रांति पर लगने वाले मेले के सुगम आयोजन के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा चलायी गयी विभिन्न परियोजनाओं को गिनाते हुए बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार सागर द्वीप को विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
हिंदुओं द्वारा माना जाता है शुभ
गंगोत्री से निकलकर गंगा नदी पश्चिम बंगाल में आकर सागर में मिलती है। गंगा का जहां सागर से मिलन होता है, उस स्थान को गंगासागर कहते हैं। हर साल देश के विभिन्न हिस्से से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। दक्षिण 24 परगना जिले में कोलकाता से लगभग 150 किमी दूर यह द्वीप हिंदुओं द्वारा शुभ माना जाता है। वे साल के इस समय यहां इकट्ठा होते हैं, गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम पर पवित्र स्नान करते हैं और कपिल मुनि मंदिर में नारियल चढ़ाकर पूजा-अर्चना करते हैं।
गंगासागर मेले को कुंभ के बाद श्रद्धालुओं का सबसे बड़ा समागम माना जाता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि साल के इस समय पवित्र जल में डुबकी लगाने से जीवनभर के पाप धुल जाते हैं।