मणिपुर चीफ मिनिस्टर बीरेन सिंह का फटा रिजाइन लेटर वायरल: जानिए क्यों इस्तीफा लिखने के बाद मन बदल गया मुख्यमंत्री का

एक मंत्री ने दावा किया कि बीरेन सिंह गवर्नर हाउस के लिए निकले लेकिन इंफाल स्थित उनके आवास के बाहर भारी समर्थन प्रदर्शन के बाद वे वापस लौट आए।

Manipur violence updates: मणिपुर में जातीय हिंसा को रोकने में विफल साबित हुए मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह के इस्तीफा की शुक्रवार को अटकलें थीं। लेकिन दो महीना से राज्य में जातीय हिंसा रोकने में असफल रहने पर आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री का मन बदल लिया है। मुख्यमंत्री का लिखा हुआ इस्तीफा वाला फटा लेटर भी वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि जनता के दबाव में उन्होंने अपना मन बदल लिया है। एक मंत्री ने दावा किया कि बीरेन सिंह गवर्नर हाउस के लिए निकले लेकिन इंफाल स्थित उनके आवास के बाहर भारी समर्थन प्रदर्शन के बाद वे वापस लौट आए। हालांकि, एक ट्वीट कर एन.बीरेन सिंह ने सारे अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।

 

गुरुवार को तीन लोगों की हिंसा में मौत

गुरुवार को हथियारबंद लोगों ने राज्य के कांगपोकपी जिले में भारी गोलीबारी की है। स्थितियां भयावह होने के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इंडियन आर्मी ने बताया कि कांगपोकपी जिले में हथियारबंद दंगाईयों ने काफी गोलीबारी की है, हिंसाग्रस्त क्षेत्र में अतिरिक्त सैन्य बल भेजा गया है। इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई।लोगों ने शवों को लेकर CM हाउस तक जुलूस निकालने की कोशिश की। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया था। इसके अलावा, गुरुवार शाम को ही हिंसा की जांच कर रहे एक पुलिसकर्मी की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। पढ़िए पूरी खबर…

3 मई से शुरू हुई हिंसा अभी भी जारी...

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर, मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में पिछले दो महीने से झुलस रहा है। 3 मई को शुरू हुई हिंसा में 65 हजार से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। आम से खास लोगों तक के आशियाने आगजनी के हवाले हो चुका है। इस हिंसा में कम से कम 131 लोगों की जान जा चुकी है। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के दौरान 3 मई को पहली बार झड़पें शुरू हुईं। इसके बाद से लगातार राज्य में हिंसा हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई दिनों तक राज्य में रहकर शांति के प्रयास कर चुके हैं। इस हिंसा की जांच के लिए कमीशन का भी गठन किया जा चुका है। शांति बहाली के लिए राज्य में दस हजार से अधिक सैन्य बल, अर्धसैनिक बल सहित अन्य सेंट्रल फोर्सेस तैनात हैं। 40 से अधिक आईपीएस अधिकारियों को गृह मंत्रालय ने ग्राउंड पर उतारा है। इसके बावजूद पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाली नहीं हो सकी है। बीते दिनों, अमित शाह की अध्यक्षता में ऑल पार्टी मीटिंग भी मणिपुर हिंसा को लेकर हुई। हालांकि, इस मीटिंग में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह को हटाने की मांग की है।

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