दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 26 अप्रैल तक बढ़ी

सिसोदिया की ओर से अंतरिम जमानत याचिका में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। वह इस चुनाव में प्रचार करना चाहते हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Apr 18, 2024 11:25 AM IST / Updated: Apr 19 2024, 12:46 AM IST

Delhi Excise Policy case: दिल्ली आबकारी नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक साल से जेल बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अभी राहत नहीं मिल सकी है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 26 अप्रैल तक एक्सटेंड कर दिया। कोर्ट को बताया गया कि सिसोदिया ने अंतरिम जमानत के लिए एप्लीकेशन दिया है।

सिसोदिया की ओर से अंतरिम जमानत याचिका में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। वह इस चुनाव में प्रचार करना चाहते हैं। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर फैसला 20 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है। सिसोदिया को बीते साल फरवरी में अरेस्ट किया गया था।

जमानत याचिका का विरोध

मनीष सिसोदिया की ओर से जमानत याचिका दायर की गई है। बीते 15 अप्रैल को ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ट्रायल में देरी आरोपी के लिए जमानत का आधार नहीं हो सकता। 12 अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर हफ्ते भर में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट से कहा कि अगर मनीष सिसोदिया के वकील सिर्फ ट्रायल में देरी को लेकर जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं तो इस मुद्दे को लेकर उनको हलफनामा देना चाहिए। पहले भी हमने कोर्ट को बताया है कि बड़ी संख्या में आवेदन दायर किए गए थे इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि केस बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। वे कह रहे हैं कि वे केवल देरी पर बहस करना चाहते हैं। मेरी आशंका है यदि आदेश केवल देरी के आधार पर पारित किया गया है तो बाद में आदेश को चुनौती देने का आधार यह नहीं होना चाहिए कि ट्रायल कोर्ट ने योग्यता के आधार पर मामले पर विचार नहीं किया।

अनिश्चित काल तक सलाखों के पीछे?

सिसोदिया के वकील ने कहा कि इन सभी योग्यताओं और दस्तावेजों, सबूतों आदि पर न केवल दोनों पक्षों द्वारा बहस की गई, न केवल सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुन: प्रस्तुत किया गया बल्कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई पैराग्राफों में इसका निपटारा भी किया गया है। हमने तर्क दिया कि सिसोदिया अनिश्चित काल तक सलाखों के पीछे नहीं रह सकते और सुप्रीम कोर्ट ने उनके तर्क को स्वीकार कर लिया और कहा कि मुकदमे से पहले सजा नहीं दी जा सकती। ईडी ने इस पर कहा कि सिसोदिया को हलफनामा दायर करना चाहिए कि वे देरी के पहलू पर दबाव डाल रहे हैं और योग्यता पर दबाव नहीं डाल रहे हैं। कोर्ट ने सिसोदिया के वकील से पूछा- क्या आप ऐसा हलफनामा दाखिल करने के लिए तैयार हैं?

सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को अरेस्ट किया

पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को अरेस्ट किया था। हालांकि, सीबीआई की हिरासत के दौरान ही ईडी ने उनको 9 मार्च को इसी मामले से जुडे़ मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट कर लिया। सिसोदिया पर सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी को संशोधित करते वक्त अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। नई पॉलिसी लागू करके लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया। साथ ही सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस बढ़ाया गया।

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