लॉकडाउन : दिल्ली में एम्स और सफदरजंग के बाहर फंसे हैं लोग, न इलाज हो रहा और ना ही घर लौट पा रहे

दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल और एम्स के बाहर देश के कोने-कोने से आए ऐसे सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह लोग यहां पर कोरोना के कम होने या खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 10, 2020 2:44 PM IST / Updated: Feb 02 2022, 10:38 AM IST

नई दिल्ली. दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल और एम्स के बाहर देश के कोने-कोने से आए ऐसे सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह लोग यहां पर कोरोना के कम होने या खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। यह कैंसर, किडनी तथा हृदय संबंधी रोगों के इलाज के लिए आए थे , लेकिन अभी न ही इनकों इलाज मिल पा रहा है और न ही ये लोग यहां से जा पा रहे हैं।

 

13 साल के बेटे के इलाज के लिए आए हैं विजय
मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से किसान विजय सहाय अपने 13 साल के बेटे का इलाज कराने आये हैं। बेटे को ब्लड कैंसर बताया गया है। हालांकि इलाज के लिए उनका इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। इंतजार में ये लोग रैनबसेरों में वक्त गुजारने को मजबूर हैं।

बीपीएल कार्ड नहीं है, इसलिए नहीं मिल पा रही हैं दवाएं
देशभर में 25 मार्च से लागू 21 दिन के लॉकडाउन में फंस विजय के पास बीपीएल कार्ड नहीं है। इसलिए उन्हें दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। वह कैसे भी करके अपने घर से कार्ड मंगवाना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। 

 

विजय कहते हैं, मैं 15 मार्च से यहां हूं। एम्स के डॉक्टरों ने कुछ दवाएं लिखीं लेकिन वो बहुत महंगी हैं। कुछ लोगों ने मुझे बताया कि मेरे पास बीपीएल कार्ड है तो मुझे दवाएं खरीदनी नहीं होंगी। मुझे अब अपना बीपीएल कार्ड चाहिए, लेकिन मुझे कैसे मिलेगा?

जम्मू से आए अमनजीत सिंह भी फंसे हैं
बसेरे में जम्मू से आए 22 साल के अमनजीत सिंह भी फंसे हैं। पिछले साल अक्टूबर में सड़क दुर्घटना का शिकार हुए अमनजीत सिंह को इलाज के लिए एम्स भेजा गया था। उनका दायां हाथ नहीं हिल पा रहा है और डॉक्टर भी उनकी देखभाल नहीं कर पा रहे हैं।

'हमारे पास तो पैसा भी नहीं बचा'
अपने पिता के साथ यहां आए अमनजीत सिंह ने कहा, यहां ना तो जांच हो रही है और ना ही इलाज हो रहा है। हमारे पास पैसा भी नहीं बचा है। सबसे अच्छा होगा कि हम अपने घर लौट सकें, लेकिन ऐसा भी नहीं कर सकते।

सफदरगंज में सिर्फ एक ओपीडी चल रही है
एम्स अस्पताल में जहां ओपीडी बंद है, वहीं सफदरजंग में केवल एक ओपीडी सीमित तरीके से चल रही है। इन अस्पतालों में रोगी डायलासिस, कीमोथैरेपी और अन्य आपातकालीन चिकित्साओं के लिए कई दिनों, हफ्तों और अब तो कई महीनों से इंतजार कर रहे हैं।

 

यूपी से आई रेखा एक महीने से यहां फंसी हैं
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत की रहने वाली 34 वर्षीय रेखा देवी को कैंसर है । वह होली से पहले ही अपने पति सुरजीत श्रीवास्तव के साथ इलाज कराने के लिए यहां आई थीं। एक महीने बाद भी रेखा जस की तस स्थिति में हैं। इलाज के मामले में अभी कोई शुरूआत नहीं हुई है और घर जाने के सारे रास्ते बंद हैं।

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