आखिर क्यों मराठा आरक्षण आंदोलन के आगे झुकी सरकार? इन 6 मुद्दों पर महाराष्ट्र में बनी बात

महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन को लेकर आजाद मैदान में जारी हड़ताल खत्म हो गई है। भूख हड़ताल पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हमारी मांगें मान ली है, इसलिए आंदोलन स्थगित किया जाता है।

 

Manoj Kumar | Published : Jan 27, 2024 4:20 AM IST

Maratha Reservation. महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा आंदोलनकारियों की सभी मांगें मान ली है और आंदोलन खत्म करने में सफलता पाई है। सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे मुंबई के आजाद मैदान पर भूख हड़ताल पर बैठे थे लेकिन सरकार के प्रस्ताव पर उन्होंने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है। जानकारी के अनुसार सीएम एकनाथ शिंदे खुद ही मनोज जरांगे से मिलेंगे और जूस पिलाकर औपचारिक तौर पर आंदोलन को खत्म किया जाएगा। इसके लिए वाशी के शिवाजी चौक पर एक सभा का भी आयोजन किया जा रहा है। जहां महाराष्ट्र सरकार के सीएम और कई मंत्री भी पहुंच सकते हैं।

सरकार ने आंदोलनकारियों की यह 6 मांगें मान ली

  1. मराठा समुदाय के 54 लाख लोगों को परिवार रजिस्टर के हिसाब से जाति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
  2. 54 लाख अभिलेखों की वंशावली का मिलान किया जाएगा, इसके बाद जाति प्रमाण पत्र जारी होगा।
  3. 37 लाख लोगों को जाति प्रमाण पत्र मिले हैं। बाकियों को भी जल्द ही वितरित किए जाएंगे।
  4. मराठों के परिवार रजिस्टर अभिलेखों की खोज के लिए शिंदे समिति का कार्यकाल दो महीने बढ़ा।
  5. जिनका पंजीकरण हुआ है, उनके निकटतम परिवारों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।
  6. मराठा आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिया जाएगा।

कौन हैं मराठा आंदोलन के मनोज जरांगे

मराठा आंदोलन की मांग बहुत पुरानी है लेकिन इसे उठाने के लिए अब मनोज जरांगे आगे आए हैं और वे लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। जरांगे ने मराठा आरक्षण आंदोलन की शुरूआत 2011 में अपने ही गांव से की थी, अब यह आंदोलन पूरे महाराष्ट्र में फैल चुका है। इससे पहले भी जरांगे कई बार आंदोलनों का हिस्सा रहे हैं लेकिन अब वे इसकी अगुवाई कर रहे हैं। आजाद मैदान में जरांगे ने ऐलान किया है कि राज्य सरकार ने सभी डिमांड्स मान ली है। 

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