सार
गणतंत्र दिवस के मौक पर मुख्य अतिथि बनकर भारत पहुंचे फ्रांसिसी राष्ट्रपति ने दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह में जियारत की। वे शाम का दरगाह पहुंचे और भारत की सूफी परंपरा को नजदीक से देखा।
Emmanuel Macron Delhi. फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों ने हजरत निजामुद्दीन दरगाह पहुंचकर जियारत की है। भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि रहे मैक्रों ने शुक्रवार की देर रात दरगाह का दौरा किया। वे करीब आधे घंटे तक वहां रूके और भारत की सूफी परंपरा को नजदीक से देखा और समझा। दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन की यह दरगाह करीब 700 साल पुरानी है। इसका निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था। तब से यह लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
मैक्रों के साथ भारतीय विदेश मंत्री भी रहे
फ्रांसिसी राष्ट्रपति के साथ फ्रेंच डेलीगेशन और भारत के विदेश मंत्री जयशंकर भी मौजूद रहे। इस दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। दोनों नेताओं ने वहां पर कव्वाली भी सुनी। दरगाह पर विजिट के बाद मैक्रों ने सोशल मीडिया पर भारत को धन्यवाद दिया। उन्होंने गणतंत्र दिवस के दौरान पीएम मोदी और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ की एक तस्वीर भी शेयर की है। उन्होंने जयपुर दिल्ली में गर्मजोशी से स्वागत के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। साथ ही फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाले ओलंपिक गेम्स और पैरालांपिक गेम्स के लिए आमंत्रित भी किया।
कर्तव्य पथ पर देखी भारत की विविधता
इससे पहले मैक्रों ने दिल्ली के कर्तव्यपथ पर आयोजित परेड में हिस्सा लिया। भारत की तीनों सेनाओं ने मार्च पास्ट किया। इस बार की खासियत यह रही है कि तीनों सेनाओं का नेतृत्व महिला अधिकारियों ने किया। इसके अलावा महिला डेयर डेविल्स ने मोटर साइकिल पर शानदार प्रदर्शन कर मन मोह लिया। देश के अलग-अलग राज्यों की 1500 कलाकारों ने लोक नृत्य पेश किया। पारंपरिक वेशभूषा में महिलाएं जब नृत्य कर रही थीं, तब मानों पूरा भारत ही दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखाई दे रहा था।
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