भारत में सेमीकंडक्टर आयात को कम करने और निर्माण के लिए सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन इंडिया (Semiconductor Mission India) के नाम से प्रोजेक्ट लांच किया है। इसके लिए कंपनियों से आवेदन मंगाए गए हैं।
Semiconductor Mission India. केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट करके स्पष्ट किया है कि सेमीकंडक्टर निर्माण को लेकर नए और पुराने आवेदनों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट पर सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण दिया है। जिसमें कहा गया है कि भारत के बड़े उद्योगपतियों को आवेदन का ही समय नहीं मिला जिसकी वजह से सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए कंपनियां आगे नहीं आ पा रही हैं। हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इसको क्लियर कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का ट्वीट
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट किया सेमिकॉन_इंडिया यह घोषणा कर रहा है कि वह नए और मौजूदा आवेदकों से फैब के लिए नए आवेदनों पर विचार करना शुरू कर रहा है। अधिक महंगे 28nm फैब के लिए पहली विंडो को जनवरी 2022 में केवल 45 दिनों के लिए खोला गया था। उस दौरान आवेदन मिले थे जिनका मूल्यांकन ISM और उसके सलाहकार समूह द्वारा किया गया। अब भी 40nm के परिपक्व नोड्स को प्रोत्साहित करने की रणनीति है। मौजूदा समय में नए लोग विभिन्न नोड्स में नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं, जिनके लिए उनके पास प्रौद्योगिकी है। उम्मीद है कि कुछ मौजूदा आवेदक फिर से आवेदन करेंगे और नए निवेशक भी आवेदन करेंगे।
क्या है भारत का सेमीकंडक्टर मिशन
भारत दुनिया में सबसे अधिक गैजेट उपभोक्ताओं में से एक है लेकिन माइक्रोचिप का पूरी तरह से आयात किया जाता है। देश में पेट्रोल और गोल्ड के बाद सबसे ज्यादा आयात इलेक्ट्रॉनिक्स का होता है। इससे भारत के विदेशी मुद्रा भंडार पर बड़ा बोझ पड़ता है। यही वजह है कि भारत सेमीकंडक्टर चिप के मामले में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए सेमीकंडक्टर मिशन इंडिया लांच किया गया है। इसके तहत भारत की कंपनियों से सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए आवेदन मांगे गए हैं। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्टरिंग के लिए अरबों डॉलर के निवेश और ट्रेंड मैनपावर की आवश्यकता है।
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