आइजोल में पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने शुक्रवार को एक चेतावनी जारी किया।
गुवाहाटी: मणिपुर में दो महिलाओं का न्यूड परेड कराने और यौन अत्याचार की घटना से पूरा देश आहत है। मिजोरम की राजधानी आइजोल में रहने वाले मैतेई समाज के लिए यह घटना असुरक्षा की वजह बन गई है। मिजोरम के पूर्व विद्रोहियों ने मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने की चेतावनी दी है। हालांकि,पूर्व विद्रोहियों के ऐलान के बाद सरकार ने राजधानी में मैतेई लोगों के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए हैं।
पीएएमआरए ने दी चेतावनी
आइजोल में पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने शुक्रवार को एक चेतावनी जारी किया। पीएएमआरए ने कहा कि मेइतीस को अपनी सुरक्षा के लिए मिज़ोरम छोड़ देना चाहिए क्योंकि पड़ोसी जातीय संघर्षग्रस्त राज्य में दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने की घटना पर मिज़ो युवाओं में गुस्सा है। पीएएमआरए ने कहा कि मणिपुर में ज़ो-जातीय समुदाय के साथ हुई हिंसा से मिज़ो भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। अगर मिजोरम में मेइतेई लोगों पर कोई हिंसा होती है तो वे स्वयं इसकी जिम्मेदारी लेंगे।
मणिपुर की घटना के बाद मिजोरम में स्थिति तनावपूर्ण
मणिपुर की घटना के बाद मिजोरम में भी स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। पूर्व उग्रवादियों ने कहा कि मणिपुर के बाद से मैतेई समुदाय का राज्य में रहना सही नहीं है। समय रहते वह लोग अपने राज्य लौट जाएं। मैतेई समुदाय के प्रति राज्य के युवाओं में गुस्सा है।
राज्य सरकार ने कहा-सुरक्षा के इंतजाम किए गए
मिजोरम सरकार ने दावा किया है कि मैतेई व्यक्तियों को कोई नुकसान न हो इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से सचेत है। मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा ने पहले भी अपने मणिपुर समकक्ष एन बीरेन सिंह को मिजोरम में मेइतीस की सुरक्षा का आश्वासन दिया था।
हजारों की संख्या में मैतेई और कूकी समुदाय के लोग रहते हैं मिजोरम में
पूर्व उग्रवादियों ने कहा कि मिज़ो युवाओं में गुस्सा है। कूकी समाज मिज़ो के साथ वंश साझा करते हैं। केवल मणिपुर के मैतेई लोगों के लिए थी, अन्यत्र के लोगों के लिए नहीं।
हजारों कूकी मिजोरमें लिए हैं शरण
मिज़ोरम में हजारों मेइतेई लोग रहते हैं जिनमें छात्र भी शामिल हैं। इनमें अधिकतर मणिपुर और असम के हैं। कथित तौर पर मणिपुर से विस्थापित 12,000 से अधिक कुकियों ने भी मिजोरम में शरण ली है। यह ईसाई बहुल राज्य है। कुकी भी अधिकतर ईसाई हैं। PAMRA, मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के पूर्व उग्रवादियों का एक गैर-राजनीतिक संगठन है जो मिज़ो शांति समझौते की सभी धाराओं को लागू करने की मांग कर रहा है।
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