सार
जातीय हिंसा की वजह से तीन महीनों से जल रहे मणिपुर में दो महिलाओं के न्यूड परेड और यौन अत्याचार की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
Manipur Nude Parade: जातीय हिंसा की वजह से तीन महीनों से जल रहे मणिपुर में दो महिलाओं के न्यूड परेड और यौन अत्याचार की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पगलाई भीड़ के सामने एक परिवार गिड़गिड़ाता रहा, दो महिलाएं रहम की भीख मांगती रहीं लेकिन किसी ने एक न सुनी। महिलाओं के कपड़े उतरवाए गए, उनके नाजुक अंगों को हजारों की भीड़ छूती-मसलती रही। हद तो यह कि उस भीड़ के आगे पुलिस उस समय तो मूकदर्शक बनी ही रहीं, घटना के कई हफ्ते बाद एफआईआर दर्ज कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पूरा तंत्र जागा, सुप्रीम कोर्ट ने अल्टीमेटम दिया तो कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी। उधर, पीड़ित परिवार इस सदमे से उबर नहीं सका है। पीड़िता की मां तो उन पलों को याद कर अभी भी सिहर जा रही।
मणिपुर में न्यूड परेड की आंखों देखी बता रहीं पीड़िता की मां
मणिपुर में भीड़ द्वारा नग्न घुमाई गई महिलाओं में से एक की मां ने एक टीवी चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में अपनी बर्बादी की कहानी बयां की। पीड़ित युवती की मां ने कहा कि तबाह हुए परिवार के कभी भी अपने गांव लौटने की कोई संभावना नहीं है। इंटरव्यू के दौरान भी उस मां के चेहरे पर पीड़ा और सदमा साफ झलक रहा था। कई बार बात करते-करते बोल तक नहीं फूट रहे थे। महिला ने आरोप लगाया कि मणिपुर सरकार ने हिंसा को रोकने या लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।
पति और बेटे को उसके सामने ही मार दिया
महिला यह कहते कहते रोने लगती है कि भीड़ ने उसके पति और बेटे को उसके सामने ही मार डाला। उसकी बेटी को सरेआम नंगा कर दिया। उस मां ने कहा "मैंने अपना सबसे छोटा बेटा खो दिया है जो मेरी पूरी उम्मीद था। मैं उम्मीद कर रही थी कि एक बार वह 12वीं कक्षा पूरी कर लेगा तो उनके परिवार की दिक्कतें खत्म हो जाएंगी। उसे बहुत कठिनाई में मैंने उचित शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल भेजा। अब उसके पिता भी नहीं रहे। बड़ा बेटा बेरोजगार है। जब मैं अपने परिवार के भविष्य के बारे में सोचती हूं, तो मुझे लगता है कि कोई उम्मीद नहीं है।
अब गांव जाने का भी ख्याल मन में नहीं आएगा
युवती की मां ने कहा कि अब अपने गांव लौटने का भी विचार उनके दिमाग में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे गांव वापस जाने की कोई संभावना नहीं है। यह विचार मेरे दिमाग में भी नहीं आया है। हम वापस नहीं जा सकते। मैं वापस नहीं जाना चाहती। हमारे घर जला दिए गए हैं, हमारे खेत नष्ट हो गए हैं। मैं वापस क्या जाऊंगी? मेरा गांव जल गया है। मुझे नहीं पता कि मेरा और मेरे परिवार का भविष्य क्या होगा लेकिन मैं वापस नहीं जा सकती। पीड़ितों में से एक ने इंटरव्यू में आरोप लगाया कि न्यूड परेड कराने वाली महिलाओं को पुलिस ने भीड़ के पास छोड़ दिया।
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