केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह पुल तीन साल में बनकर होगा पूरा और इससे दोनों देशों के बीच आवागमन की सुविधा बढेगी।
नई दिल्ली। नेपाल (Nepal) और भारत (India) के बीच में बहने वाली महाकाली नदी (Maha Kali River) पर पुल बनाने की राह आसान हो गई है। भारत सरकार (GoI) के केंद्रीय कैबिनेट (Modi cabinet) ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। अब नेपाल से एमओयू (MoU) साइन होने के बाद इस पुल का निर्माण शुरू हो सकेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने पुल निर्माण के लिए केंद्रीय कैबिनेट की मुहर की जानकारी गुरुवार को दी है। इस पुल के बनने से उत्तराखंड और नेपाल क्षेत्र के लोगों को काफी सुविधा हो सकेगी।
तीन साल में बनकर तैयार होगा महाकाली नदी पर पुल
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह पुल तीन साल में बनकर होगा पूरा और इससे दोनों देशों के बीच आवागमन की सुविधा बढेगी। अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत- नेपाल के बीच महाकाली नदी के ऊपर धारचुला में एक पुल बनाने का निर्णय भी कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। इससे संबंधित एमओयू जल्द साइन किया जाएगा। इससे उत्तराखंड (Uttarakhand) में रहने वाले लोगों को लाभ होगा और नेपाल की तरफ रहने वाले लोगों को भी लाभ होगा।
कैबिनेट ने दी इन प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट (Central Cabinet) ने महाकाली नदी पर पुल (Bridge on MahaKali River) की मंजूरी के अलावा अलावा कई अन्य प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी है। अनुराग ठाकुर ने बताया कि गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक में इंट्रा स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के फेज-2 को भी स्वीकृति मिली है। इस परियोजना पर लगभग 12,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे 10750 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि फेज-2 में 7 राज्य गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में 10750 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा। फेज-1 का लगभग 80% काम पूरा हो चुका है।
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