AI के प्रयोग से चुनावों को प्रभावित करने की आशंका: केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी स्टार्टअप्स को बड़ी राहत

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि स्टार्टअप्स को अनटेस्टेड एआई के इस्तेमाल के प्रतिबंध से छूट है।

 

Dheerendra Gopal | Published : Mar 4, 2024 11:15 AM IST / Updated: Mar 04 2024, 05:04 PM IST

AI advisory by MeitY: AI के प्रयोग से चुनावों को प्रभावित करने की आशंका में भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर सभी प्लेटफार्म्स को अप्रूव्ड एआई के इस्तेमाल की सलाह दी थी। हालांकि, दुनिया के कई बड़े स्टार्टअप्स की आलोचनाओं और चिंताओं के बीच सरकार ने स्टार्टअप्स को राहत दे दी है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सभी प्लेटफार्म्स को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि उनके कंप्यूटर किसी भी पूर्वाग्रह या भेदभाव की अनुमति ने दें या चुनाव की अखंडता को एआई या जनरेटिव एआई के उपयोग से प्रभावित न करें। राज्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप्स को अनटेस्टेड एआई के इस्तेमाल के प्रतिबंध से छूट है।

स्टार्टअप संस्थापकों ने सरकार की आलोचना की

दरअसल, केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद यह सफाई स्टार्टअप्स के फाउंडर्स की चिंताओं और आलोचना के बाद आई है। केंद्र की एडवाइजरी आने के बाद कई एआई स्टार्टअप संस्थापक चिंतित होकर भारत सरकार की नीतियों काी आलोचना की थी। स्टार्टप्स ने इसे एक खराब कदम बताया था। पर्प्लेक्सिटी एआई के सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने एक्स पर पोस्ट किया कि यह भारत का बुरा कदम है। अबेकस एआई के सीईओ बिंदू रेड्डी ने कहा कि भारत ने अभी-अभी अपने भविष्य को अलविदा कहा है। यदि आप भारत सरकार को जानते हैं तो आप जानते हैं कि यह बहुत बड़ा झटका होगा।

सरकार ने दी सफाई

आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया है कि एडवाइजरी स्टार्टअप्स पर लागू नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एडवाइजरी केवल बड़ी कंपनियों पर लागू होगी। इसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एडवाइजरी का उद्देश्य महत्वपूर्ण प्लेटफार्मों पर है। मंत्रालय से अनुमति केवल बड़े प्लेटफार्मों के लिए है और यह स्टार्टअप पर लागू नहीं होगी। इसका उद्देश्य अप्रयुक्त एआई प्लेटफार्मों को भारतीय इंटरनेट पर तैनात करने से रोकना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुमति लेने की प्रक्रिया, लेबलिंग या अप्रयुक्त प्लेटफार्मों के बारे में उपयोगकर्ता को सहमति आधारित प्रकटीकरण उन प्लेटफार्मों के लिए है जिन पर उपभोक्ताओं द्वारा मुकदमा दायर किया जा सकता है।

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