इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में एक दशक में बने कई रिकॉर्ड: अटल सुरंग, चिनाब पुल और जोजिला सुरंग की दुनिया देती दाद

दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग अटल सुरंग की शुरुआत, दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज का निर्माण, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण शामिल रहा।

PM Modi 10 years on infrastructure: एक दशक देश में बुनियादी ढांचा के विकास का रहा। राजमार्गों, रेल मार्गों से लेकर हवाई और जलमार्ग व रोपवे सिस्टम तक के विकास के लिए कई बड़ी परियोजनाओं ने अमली जामा पहना। भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग अटल सुरंग की शुरुआत, दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज का निर्माण, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण शामिल रहा। यही नहीं, लद्दाख में हर मौसम में कनेक्टिविटी के लिए एशिया की सबसे लंबी सुरंग जोजिला सुरंग जैसी परियोजनाएं भी हकीकत बनीं।

राष्ट्रीय राजमार्गों की उपलब्धियां

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2014 के बाद से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग बजट आवंटन में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2020-21 में राजमार्ग निर्माण की गति 37 किमी/प्रतिदिन तक पहुंच गई। 2014 में एनएच का नेटवर्क 91,287 किलोमीटर था, जो वर्ष 2023 तक 60 प्रतिशत बढ़कर 1,46,145 किलोमीटर हो गया। चार-लेन एनएच की लंबाई 2.5 गुना बढ़ गई है। 2014 में यह 18,387 किलोमीटर था, जो नवंबर 2023 तक बढ़कर 46,179 किलोमीटर हो गया है। एनएच निर्माण की औसत गति 2014 में बेसलाइन 12.1 किलोमीटर/प्रतिदिन से 143 प्रतिशत बढ़कर 28.3 किलोमीटर/प्रतिदिन हो गई है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत 2014 से अब तक 3.74 लाख किमी लंबी सड़कों का निर्माण हो चुका है। 99 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण इलाकों को सड़कों से जोड़ा गया है। 2013-14 में 3.81 लाख किमी की तुलना में अब तक 7.55 लाख किमी ग्रामीण सड़कें बनकर तैयार हो चुकी हैं।

भारतमाला प्रोजेक्ट

भारतमाला परियोजना को मुख्य रूप से देश भर में सामान और लोगों की आवाजाही की सुगमता को उपयुक्त बनाने पर ध्यान देने के साथ शुरू किया गया था। इस परियोजना के प्रमुख घटकों में आर्थिक गलियारा विकास, इंटर-कॉरिडोर और फीडर मार्ग विकास, राष्ट्रीय गलियारा दक्षता सुधार, सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क सड़कें, तटीय एवं बंदरगाह संपर्क सड़कें और एक्सप्रेस-वे शामिल हैं। भारतमाला परियोजना के तहत विकास के लिए 25 ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई गई है। इनमें से 20 पूरे हो चुके हैं या कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। भारतमाला परियोजना के चरण-I के तहत 34,800 किमी लंबाई के राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की योजना बनाई गई थी। दिसंबर-2023 तक लगभग 15,549 किमी का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके साथ ही 26,418 किमी (यानी 34,800 किमी का 76 प्रतिशत) सड़क बनाने का काम आवंटित किया जा चुका है।

वंदे भारत ट्रेन

वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करती हैं। 31 जनवरी 2024 तक भारतीय रेलवे में 100 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों की सेवाएं शुरू की गईं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वंदे भारत ट्रेनों की कुल सवारियां की दर 96.62 प्रतिशत रही। 12 मार्च 2024 को पीएम ने 10 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।

अमृत भारत स्टेशन योजना

भारत में रेलवे स्टेशनों के विकास और आधुनिकीकरण के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पुनर्विकास के लिए 1318 स्टेशनों को चुना गया है।

मेट्रो रेल विस्तार

भारत की मेट्रो रेल सिस्टम में तेजी से विस्तार हो रहा। 2014 में नेटवर्क की लंबाई 248 किमी थी जो 2024 तक बढ़कर 905 किमी हो जाएगी। इससे प्रतिदिन लगभग 1 करोड़ यात्री लाभान्वित हो रहे हैं। 2014 में केवल 5 शहरों तक ही मेट्रो की सुविधा थी। अब मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार देश भर के 20 शहरों तक हो गया है। 27 अतिरिक्त शहरों में 959 किमी लंबी लाइनें निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर पर चलने वाली भारत की पहली अत्याधुनिक नमो भारत ट्रेन की शुरुआत की गई है।

21 ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स

विमानन क्षेत्र में उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना के तहत संचालित 545 मार्गों के साथ महत्वपूर्ण विस्तार देखने को मिला है। हवाई मार्ग विस्तार के साथ-साथ 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की पहचान की गई है। इनमें से 12 का परिचालन शुरू हो चुका है। पिछले एक दशक में 158 परिचालित हवाई अड्डे और 84 हवाई अड्डों का निर्माण किया गया। 13 मार्च 2024 तक 1.36 करोड़ से अधिक लोग हवाई यात्रा कर चुके हैं।

जलमार्गों का विकास

भारत के जलमार्गों में महत्वपूर्ण विकास देखा गया है। राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत 111 जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू) के रूप में नामित किया गया है, जो अंतर्देशीय जल परिवहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सागरमाला कार्यक्रम के माध्यम से विकास ने पकड़ी रफ्तार

सरकार ने बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देने, लॉजिस्टिक लागत को कम करने और आर्थिक विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से सागरमाला कार्यक्रम शुरू किया है। इनमें मौजूदा बंदरगाहों और टर्मिनलों का आधुनिकीकरण, बंदरगाह कनेक्टिविटी में वृद्धि, मछली पकड़ने के विशेष तट, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी केंद्र आदि शामिल हैं। सागरमाला कार्यक्रम के तहत लगभग 5.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 839 परियोजनाओं का कार्यान्वयन होना है। इनमें से 1.22 लाख करोड़ रुपये की 241 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। आंशिक वित्तपोषण के लिए सागरमाला योजना के तहत अब तक 4525 करोड़ रुपये की कुल 171 परियोजनाओं को सहयोग दिया गया है। 171 में से 55 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

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