ओडिशा में बाढ़ से 10 जिलों के 2 लाख लोग बेघर,आजकल में फिर भारी बारिश को लेकर अलर्ट

ओडिशा में महानदी रिवर सिस्टम में बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। यहां आपदा से 10 जिलों के दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों से बाढ़ में जनहानि रोकने के लिए उपाय करने को कहा है।
 

Amitabh Budholiya | Published : Aug 17, 2022 12:55 AM IST / Updated: Aug 17 2022, 06:27 AM IST

भुवनेश्वर. ओडिशा में महानदी रिवर के उफनने से उसके किनारे बसे गांवों में बाढ़(flood situation in the Mahanadi river system in Odisha) आई हुई है। बाढ़ की स्थिति अभी भी गंभीर बनी है। आपदा से 10 जिलों के दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक(Chief Minister Naveen Patnaik) ने संबंधित अधिकारियों से सप्ताह भर तक रहे मौसम के कम दबाव और डिप्रेशन के कारण भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में जनहानि न हो, इस दिशा में उपाय करने को कहा है। 

फिर से भारी बारिश की चेतावनी
स्पेशल रिलीफ कमिश्नर (SRC) पीके जेना ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार बाढ़ से दो लाख लोग प्रभावित हुए हैं] जबकि करीब 24 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। आजकल में बाढ़ की स्थिति यही रहने की आशंका है। इधर, मौसम विभाग ने शुक्रवार तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक नया निम्न दबाव बनने का अनुमान जताया है, जो गुरुवार से राज्य में व्यापक और भारी बारिश ला सकता है। मौसम विभाग ने बुधवार को उत्तरी तटीय ओडिशा के 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 

बाढ़ में 237 गांव डूबे
स्पेशल रिलीफ कमिश्नर (SRC) पीके जेना के अनुसार, बाढ़ में 237 गांवों के 1.20 लाख लोग फंसे हुए हैं और 26,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। जेना ने कहा कि केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर और पुरी जिलों के महानदी डेल्टा क्षेत्र में पानी अपने चरम पर है। कटक के मुंडाली बैराज में भी इस समय बाढ़ की यही स्थिति है। SRC ने कहा कि महानदी नदी सिस्टम में दो स्थानों पर दरारों की सूचना मिली है। एक पुरी जिले में मकरा नदी में और दूसरी खुर्दा जिले के रजुआ रायकी में। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF), ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ODRF) और ओडिशा फायर सर्विस की रेस्क्यू टीमों ने कटक जिले के गतिरौटपटना में एक प्राइवेट रेसिडेंसियल इंस्टीट्यूट में फंसे 600 स्कूली बच्चों को निकाला। 

जेना ने कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों से कहा कि बाढ़ से प्रभावित सड़कों और कम्यूनिकेशन चैनल्स की तत्काल मरम्मत के अलावा आपदा में कोई हताहत न हो। एसआरसी ने कहा कि सीएम ने कहा है कि राज्य के लिए हर जीवन अनमोल है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए कि आपदा में एक भी जान न जाए।

10 जिलों में हाईअलर्ट
पटनायक ने 10 जिलों के कलेक्टरों को हाई अलर्ट पर रखते हुए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों और बाढ़ के पानी में डूबे स्थानों से लोगों को निकालने का निर्देश दिया है। वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर बीके मिश्रा ने बताया कि मंगलवार की रात साढ़े आठ बजे तक हीराकुंड जलाशय के 40 फाटकों से बाढ़ का पानी छोड़ा गया यानी 14 और गेट खोलने पड़े हैं। महानदी रिवर सिस्टम में बाढ़ की स्थिति गंभीर है। आजकल में राज्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। 26,000-27,000 प्रभावित लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए लगभग 90 मुफ्त रसोई चालू हैं। बाढ़ का पानी गांवों और कृषि क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है और संबलपुर, सुबरनापुर, बौध, कटक, खुर्दा, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और पुरी जिलों के कई पुलों पर बह रहा है। एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की नौ-नौ टीमों को संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है, जबकि अग्निशमन सेवा की 44 टीमें राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। सरकार ने जिला कलेक्टरों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने और सभी संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने के लिए अधिकृत किया है।

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