Monsoon Session: संसद में धरना प्रदर्शन पर रोक, पोस्टर और तख्तियां नहीं दिखा सकेंगे सांसद

Published : Jul 16, 2022, 10:35 AM ISTUpdated : Jul 16, 2022, 10:41 AM IST
Monsoon Session: संसद में धरना प्रदर्शन पर रोक, पोस्टर और तख्तियां नहीं दिखा सकेंगे सांसद

सार

संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session)  के हंगामेदार होने के आसार हैं। इससे पहले संसद में सांसदों द्वारा किए जाने वाले धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दिया गया है। सांसद पोस्टर,पर्चे और तख्तियां भी नहीं दिखा सकेंगे।

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session)  18 जुलाई से शुरू होने वाला है। अग्निपथ योजना और केंद्र सरकार के कई और फैसले को लेकर इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। इस बीच संसद में सांसद क्या नहीं बोलेंगे और क्या नहीं करेंगे इसको लेकर फरमान जारी हुए हैं। 

संसद में धरना देने और विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगा दिया गया है। सांसद पोस्टर, पर्चे और तख्तियां भी नहीं दिखा सकेंगे। लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में एजवाइजरी जारी किया है। संसद परिसर में पर्चे और तख्तियां बांटने पर भी रोक लगा दिया गया है। 

सीताराम येचुरी ने कहा- विफल होगी लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश
इस फैसले को लेकर विपक्षी दल भड़क गए हैं। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि केंद्र सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश कर रही है। उनकी यह कोशिश सफल नहीं होगी। उन्होंने ट्वीट किया कि भारत की आत्मा, उसके लोकतंत्र और उसकी आवाज का गला घोंटने की कोशिश विफल हो जाएगी। वहीं, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने तंज करते हुए कहा, 'विश्वगुरु का एक और काम, धरना मना है।'

अन-पॉर्लियामेंट्री शब्दों पर मचा था बवाल
बता दें कि इससे पहले भ्रष्ट, गैर-जिम्मेदार जैसे शब्दों को संसद में अन-पॉर्लियामेंट्री घोषित किए जाने पर बवाल मचा था। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों की सूची में 'जुमलाजीवी', 'बाल बुद्धि', 'कोविड स्प्रेडर' 'स्नूपगेट' 'शर्मिंदा', 'दुर्व्यवहार', 'विश्वासघात', 'ड्रामा', 'पाखंड' और 'अक्षम' जैसे शब्दों को असंसदीय शब्द की श्रेणी में रखते हुए सूची जारी किया था। विपक्ष ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि इससे सरकार की आलोचना करने की उनकी क्षमता बाधित होगी।

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सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले जारी की गई इस पुस्तिका में 'अराजकतावादी', 'शकुनि', 'तानाशाही', 'तानाशाह', 'तानाशाही', 'जयचंद', 'विनाश पुरुष', 'खालिस्तानी' जैसे शब्द अन-पॉर्लियामेंट्री हैं। 'खून से खेती' को भी वाद-विवाद के दौरान या अन्यथा इस्तेमाल करने पर रिकार्ड से हटा दिया जाएगा।'दोहरा चरित्र', 'निकम्मा', 'नौटंकी', 'ढिंढोरा पीटना' और 'बहरी सरकार' को भी अब रिकार्ड से हटा दिया जाएगा।

असंसदीय के रूप में सूचीबद्ध कुछ शब्द:
'रक्तपात', 'खूनी', 'धोखा', 'शर्मिंदा', 'दुर्व्यवहार', 'धोखा', 'चमचा', 'चमचागिरी', 'चेला', 'बचकाना', 'भ्रष्ट', 'कायर', 'अपराधी' 'मगरमच्छ के आंसू', 'अपमान', 'गधा', 'नाटक', 'चश्मदीद', 'धोखा', 'गुंडागर्दी', 'पाखंड', 'अक्षम', 'भ्रामक', 'झूठ', 'असत्य', 'अराजकतावादी', 'गदर', 'गिरगिट', 'गुंडे', 'घड़ियाली अनुसू', 'अपमान', 'असत्य', 'अहंकार', 'भ्रष्ट', 'काला दिन', 'काला बाजार', 'खरीद फारोख्त' ', 'दंगा', 'दलाल', 'दादागिरी', 'दोहरा चरित्र', 'बेचारा', 'बॉबकट', 'लॉलीपॉप', 'विश्वासघाट', 'संवेदनहीन', 'मूर्ख', 'पित्तू', 'बहरी सरकार' और 'यौन उत्पीड़न'।

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