Monsoon Session: लोकसभा में पेश हुआ OBC रिजर्वेशन से जुड़ा बिल; जाट-मराठा व लिंगायत समुदाय को मिल सकेगा लाभ

संसद के मानसून सत्र का आज बेहद अहम दिन रहा। सरकार ने आज लोकसभा में OBC रिजर्वेशन (OBC reservation bill) से जुड़ा अहम संशोधित बिल पेश किया।

Asianet News Hindi | Published : Aug 9, 2021 5:42 AM IST / Updated: Aug 09 2021, 01:00 PM IST

नई दिल्ली. OBC रिजर्वेशन की दिशा में आज बेहद अहम दिन रहा। आज केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। इस बिल के जरिये पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति को बहाल करना है। इस बिल में संशोधन की मांग क्षेत्रीय दलों के साथ सत्ताधारी पार्टी के ओबीसी नेता लंबे समय से करते आ रहे थे। विपक्ष ने भी इस बिल का समर्थन किया है। इधर, राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले भारत छोड़ो आंदोलन की 79वीं वर्षगांठ पर सदस्यों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धांजलि दी। बिल के पेश होने के बाद विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित होती रही। विपक्ष पेगासस जासूसी मामले में चर्चा की मांग करता रहा।

विपक्षी नेताओं ने किया समर्थन
विपक्ष ने भी इस बिल का समर्थन किया। कांग्रेस नेता मल्लिार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों के नेता इस बिल के साथ हैं। खड़गे ने कहा-बाकी के मुद्दे अपनी जगह हैं, लेकिन ये मुद्दा पिछड़े वर्ग के लोगों और देश के हित में है। हम सबका फर्ज है कि गरीबों और पिछड़ों के हित में जो कानून आता है हम उसका समर्थन करें।

बिल पर बोले ये नेता
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा-आप किसी को भी आरक्षण देते हैं, तो सबसे पहले उन्हें पिछड़ा घोषित करना पड़ता है। ये बिल उसके संदर्भ में है। पिछड़ा घोषित करने का राज्यों का जो अधिकार चला गया था वो अब वापस मिल रहा है। अब राज्यों की जिम्मेदारी है, उनको करना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया जा रहा संशोधन विधेयक
हाल में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संविधान में 2018 के संशोधन के बाद सिर्फ केंद्र ही सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) को अधिसूचित कर सकता है। जबकि राज्यों के पास ये अधिकार नहीं थे। संशोधन विधेयक के बाद राज्यों को ओबीसी वर्ग में अपनी जरूरतों के अनुसार जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा। इसका लाभ हरियाणा में जाट, महाराष्ट्र में मराठा, गुजरात में पटेल और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय मिलेगा। इन्हें OBC में शामिल किया जा सकेगा।

आरक्षण को लेकर दूसरा वर्ग नाराज है
हाल में केंद्र सरकार ने मेडिकल एजुकेशन (OBC Reservation, Reservation in Medical courses) में ऑल इंडिया कोटे के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC) के छात्रों को 27% और ईडब्ल्यूएस(EWS) वर्ग के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला किया था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर जबर्दस्त विरोध देखने को मिला। हालांकि प्रधानमंत्री ने इसे एक ऐतिहासिक फैसला बताया था। कहा गया कि पिछले कई सालों से मेडिकल की ऑल इंडिया सीटों(15 प्रतिशत) पर ओबीसी आरक्षण का मामला लटका हुआ था। मद्रास हाईकोर्ट ने इन सीटों पर ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित करने एक कमेटी बनाई थी। लेकिन बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर रुकवा दिया गया था। 

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