आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अपराध और अवैध काम के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को आवरण नहीं बनाया जा सकता है.
MoS Rajeev Chandrasekhar on Digital India act: केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अपराध, अवैध कार्य और इंटरनेट यूजर को नुकसान पहुंचाने के लिए आवरण नहीं बनने दिया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंटरमीडियरीज अपने प्लेटफार्मों पर उपलब्घ सामग्री के लिए जवाबदेह होगा। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता की वेदी पर सुरक्षा और भरोसे की बलि नहीं दी जा सकती है।
चाइल्ड एब्यूज कंटेंट पर लगेगी लगाम
केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि दशकों से जिस मॉडल का पालन किया गया उसके तहत इंटरमीडियरीज अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सामग्री को लेकर जवाबदेह नहीं है। इस तरह अवैध सामग्री का पता लगाने की क्षमता पर पाबंदी लगाकर गुमनामी को प्रोत्साहन दिया जा रहा था। इससे इंटरनेट के जरिये बाल यौन शोषण और अन्य अवैध कार्य को बढ़ावा मिल रही थी। राज्यमंत्री शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा आयोजित बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) पर राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार के दृष्टिकोण में आया बदलाव
चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। अब कोई इंटरमीडियरीज यानी मध्यस्थ अगर भारत में कारोबार करना चाहती है तो उसे अब अपनी सामग्री को लेकर सम्यक तत्परता दिखानी होगी। अगर कोई ऐसी सामग्री है जो अवैध है या सीएसएएम है तो अदालत के आदेश पर उसे हमें सामग्री के पहले प्रवर्तक के बारे में बताना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार और इंटरमीडियरीज में विरोधी का संबंध नहीं हैं बल्कि दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना है कि सीएसएएम जैसी शोषण की सामग्री से दूर रखकर इंटरनेट को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जाए।
यह हर वर्ग के लिए सुरक्षित होगा
ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र में सीएसएएम सामग्री का उल्लेख करते हुए आईटी राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि हजारों ऐसे गेम हैं जिनमें सीएसएएम को गेमिफाइड किया गया है। हम आईटी अधिनियम के तहत नये नियम बनाने की प्रक्रिया में हैं जिसके बाद भारत में इंटरनेट पर सीएसएएम को गेम में शामिल करना काफी मुश्किल हो जाएगा।
आगामी डिजिटल इंडिया अधिनियम के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक समकालीन कानून होगा, जो भारत में डिजिटल नागरिकों के लिए इंटरनेट को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने में कारगर होगा। राजीव चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि भारत न सिर्फ वयस्कों के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी इंटरनेट को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए अपना रास्ता खुद तय करेगा।
इस दौरान एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश) अरुण मिश्रा, सदस्य डॉ ज्ञानेश्वर मनोहर मुले और राजीव जैन और महासचिव डी के सिंह मौजूद थे।
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