दुनिया में माईनॉरिटीज के लिए भारत स्वर्ग, नर्क साबित हुआ पाकिस्तान : नकवी

नकवी ने कहा कि देश के हर जरूरतमंद तक बेहतर शिक्षा, रोजगारपरक कौशल विकास, आधारभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए मोदी सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार-2 के पहले दिन से ही अल्पसंख्यक मंत्रालय जरूरतमंदों के शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मजबूती से काम कर रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 14, 2019 10:20 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान नर्क साबित हुआ है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) के रजत जयंती समारोह में नकवी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, दुनिया में "समावेशी विकास सर्वस्पर्शी सशक्तिकरण" का "रोल मॉडल" बन गया है। उन्होंने कहा, ' भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है, जबकि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के लिए नर्क साबित हुआ है।'

मोदी सरकार ने दी अल्पसंख्यकों को प्रथमिकता- नकवी

नकवी ने कहा कि देश के हर जरूरतमंद तक बेहतर शिक्षा, रोजगारपरक कौशल विकास, आधारभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए मोदी सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार की प्राथमिकता अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी जरूरतमंद तबकों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना और रोजगारपरक कौशल विकास के जरिए उनका आर्थिक सशक्तिकरण है। ' नकवी ने कहा कि एनएमडीएफसी ने पिछले 5 वर्षों में लगभग 3000 करोड़ रूपए 8 लाख 30 हजार से ज्यादा लाभार्थियों को विभिन्न रोजगारपरक गतिविधियों, स्टैंड अप, स्टार्टअप आदि के लिए किफायती दरों पर ऋण मुहैया कराए हैं।

5 सालों में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिला फायदा

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार-2 के पहले दिन से ही अल्पसंख्यक मंत्रालय जरूरतमंदों के शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मजबूती से काम कर रहा है। देश भर के मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों के 150 से ज्यादा मदरसा शिक्षकों को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा मुख्यधारा की शिक्षा की ट्रेनिंग दी गई है। नकवी ने कहा कि पिछले लगभग 5 वर्षों में विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं से गरीब, कमजोर अल्पसंख्यक समाज के रिकॉर्ड 3 करोड़ 18 लाख से ज्यादा विद्यार्थी लाभान्वित हुए जिनमें लगभग 60 प्रतिशत छात्राएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने के "हुनर के उस्ताद" कारीगरों, दस्तकारों, खानसामों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय अवसर मुहैया कराने के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा देश के अलग-अलग स्थानों पर 100 "हुनर हाट" का आयोजन किया जायेगा।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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