ED ने किया पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय को अरेस्ट, NSE कर्मियों के फोन टैपिंग-मनीलॉड्रिंग का आरोप

पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय पर आरोप है कि उनकी फर्म की संलिप्तता को-लोकेशन घोटाला में रहा है। यह आरोप लगाया गया है कि श्री पांडे द्वारा निगमित फर्म उन आईटी कंपनियों में से एक थी, जिन्हें 2010 से 2015 तक एनएसई में सुरक्षा ऑडिट करने का काम सौंपा गया था।

मुंबई। ईडी (Enforcement Directorate) ने मंगलवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय (Sanjay Pandey) को अरेस्ट कर लिया है। पूर्व पुलिस आयुक्त को एनएसई कर्मचारियों के कथित अवैध फोन टैपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में गिरफ्तार किया है। 1986 बैच के सेवानिवृत्त IPS अधिकारी को इस मामले में सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में लिया है। ईडी दो दिनों से संजय पांडेय से पूछताछ कर रही थी। मंगलवार को उनसे पूछताछ का लगातार दूसरा दिन था। ईडी ने पिछले हफ्ते इस मामले में एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था।

इस मामले में हो रही है जांच

Latest Videos

वित्तीय अपराधों की जांच करने वाली एजेंसी ने संजय पांडेय को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को-लोकेशन घोटाले से जुड़े एक मामले में तलब किया था। इस केस की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। श्री पांडे 30 जून को पुलिस बल से सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के दो दिन बाद ही उन्हें समन भेजा गया था। 

क्या है आरोप?

पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय पर आरोप है कि उनकी फर्म की संलिप्तता को-लोकेशन घोटाला में रहा है। यह आरोप लगाया गया है कि श्री पांडे द्वारा निगमित फर्म उन आईटी कंपनियों में से एक थी, जिन्हें 2010 से 2015 तक एनएसई में सुरक्षा ऑडिट करने का काम सौंपा गया था। बता दें कि इसी दौरान को-लोकेशन घोटाला हुआ था। पांडेय के खिलाफ आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एनएसई कर्मचारियों की फोन टैपिंग, उनके द्वारा स्थापित एक कंपनी और एनएसई के सिस्टम ऑडिट में सेबी के दिशानिर्देशों के उल्लंघन की जांच हो रही है। पूर्व पुलिस आयुक्त सीबीआई और ईडी, दोनों जांच का सामना कर रहे हैं।

क्या है को-लोकेशन स्कैम?

एजेंसी ने मई 2018 में मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संजय गुप्ता के स्वामित्व वाली दिल्ली स्थित ब्रोकर फर्म ओपीजी सिक्योरिटीज और कुछ अन्य लोगों ने कुछ डेटा सेंटर स्टॉफ के साथ साजिश में 2010-14 के दौरान एनएसई सर्वर डेटा तक access के लिए एक एल्गोरिथम ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था।  तत्कालीन उपलब्ध को-लोकेशन सुविधा का लाभ उठाते हुए, उन्होंने एक्सचेंज के सेकेंडरी सर्वर के माध्यम से त्वरित डेटा एक्सेस भी प्राप्त किया। जनवरी 2015 में एक व्हिसलब्लोअर ने को-लोकेशन घोटाले की सूचना सेबी को दी थी। एजेंसी ने एनएसई की पूर्व प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्ण और उसके पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। सीबीआई ने फरवरी में श्री सुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया और उसके तुरंत बाद, सुश्री रामकृष्ण को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारियां भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश के बाद की गईं, जिसमें दो आरोपियों और अन्य पर कई मामलों में जुर्माना लगाया गया था। आयकर विभाग ने चेन्नई और मुंबई में उनके परिसरों की भी तलाशी ली थी।

यह भी पढ़ें:

द्रौपदी मुर्मु: ओडिशा के आदिवासी गांव से रायसीना हिल तक का कैसे तय किया सफर, गांव में अभी से जश्न शुरू

पूर्व सीएम सिद्धारमैया और इस महिला का वीडियो हुआ वायरल, क्यों कार के पीछे भागते हुए रुपयों की गड्डी उछाली?

राष्ट्रीय दलों के डोनेशन में बेतहाशा गिरावट, चंदा में 41.49% की कमी फिर भी कॉरपोरेट्स की पहली पसंद है BJP

Share this article
click me!

Latest Videos

Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts