सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि वायु प्रदूषण की समस्या से व्यापक ढंग से निपटने के लिए एक दीर्घावधिक, समयबद्ध, राष्ट्र स्तरीय कार्यनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीपीसी) की शुरूआत की गई।
नई दिल्ली. सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि वायु प्रदूषण की समस्या से व्यापक ढंग से निपटने के लिए एक दीर्घावधिक, समयबद्ध, राष्ट्र स्तरीय कार्यनीति के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीपीसी) की शुरूआत की गई।
लोकसभा में मनोज कोटक के प्रश्न के लिखित उत्तर में वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीपीसी) का उद्देश्य सांद्रता की तुलना के लिये 2017 को आधार वर्ष मानते हुए वर्ष 2024 तक पीएम 10 और पीएम 2.5 की सांद्रताओं में 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य प्राप्त करना है।
102 शहरों में वायु की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत वर्ष 2011 से 2015 की अवधि के लिए प्राप्त परिवेशी वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़े तथा डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट 2014/2018 के आधार पर 102 ऐसे शहरों में वायु की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है ।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया
जावड़ेकर ने बताया कि इस उद्देश्य के लिये शहर आधारित विशिष्ट कार्य योजनाओं को तैयार किया गया है जिनमें अन्य बातों के साथ साथ निगरानी नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण हेतु उपाय, वाहनजनित / औद्योगिक उत्सर्जनों में कमी करना, जन जागरूकता में वृद्धि आदि शामिल हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)