झारखंड और छत्तीसगढ़ से नक्सलियों से जुड़ीं दो बड़ी खबरें सामने आई हैं। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले 10 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जबकि झारखंड में 48 पुलिसवालों का हत्यारा माओवादी अरेस्ट किया गया है।
दंतेवाड़ा/रांची. नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ और झारखंड में सुरक्षाबलों के चौतरफा अभियान के बेहतर रिजल्ट सामने आ रहे हैं। एक तरफ एनकाउंटर जारी हैं, तो दूसरी तरफ नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा में लाने की कोशिशें भी सफल हो रही हैं। झारखंड और छत्तीसगढ़ से नक्सलियों से जुड़ीं दो बड़ी खबरें सामने आई हैं। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले 10 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जबकि झारखं में 48 पुलिसवालों का हत्यारा माओवादी अरेस्ट किया गया है। पढ़िए दोनों खबरें...
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 25 जनवरी को 10 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। दंतेवाड़ा एसपी ने बताया कि अधिक से अधिक लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने और क्षेत्र को नक्सलवाद से मुक्त करने के लिए पुलिस और सीआरपीएफ के प्रयास जारी हैं। दंतेवाड़ा सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है। सरेंडर करने वाले दो नक्सलियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में कुमारी देवे, हूंगा उर्फ दुड़वा मड़कामी, कुमारी आयते, हड़मा उर्फ मल्लू मड़कामी, कुमारी बडी मड़कम, कुमारी देवे मड़कामी, कुमारी भीमे मड़कामी, केसा सोड़ी, लक्ष्मण माओ और कुमली बंजाम शामिल है।
नक्सलियों का आत्मसमर्पण कर सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने के लिए यहां पुलिस द्वारा लोन वर्राटू (घर वापस आइये) अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक 149 इनामी माओवादी सहित कुल 591 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।
झारखंड और बिहार में 48 पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों की हत्या के आरोपी माओवादी कमांडर नवीन यादव उर्फ सर्वजीत यादव ने कथित तौर पर आत्मसमर्पण कर दिया है। इसके खिलाफ राज्यों के अलग-अलग थानों में 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। जनवरी 2019 में यादव की पलामू के रेडमा में 18.5 एकड़ और चतरा के प्रतापपुर में 12.78 एकड़ जमीन पुलिस ने जब्त की थी। जून 2016 में, बिहार में औरंगाबाद-गया सीमा पर यादव के नेतृत्व में एक बड़े हमले में 10 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। वह लातेहार के कटिया में 2013 में सुरक्षा बलों पर हुए हमले का मुख्य आरोपी है, जिसमें 17 जवान शहीद हो गए थे।
2011 में चतरा के तत्कालीन सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर हुए हमले में आठ शहीद हुए थे और जनवरी 2012 में गढ़वा के भंडारिया में हुए हमले में थाना प्रभारी समेत 13 जवान शहीद हुए थे। यादव इन सभी हमलों में शामिल था।
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