प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस चर्चा में एनसीपी के नेता शरद पवार भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने तब्लीगी जमात का मुद्दा उठाया।
मुंबई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। इस चर्चा में एनसीपी के नेता शरद पवार भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने तब्लीगी जमात का मुद्दा उठाया। शरद पवार ने कहा, इस मामले को तूल देना ठीक नहीं है। कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद भी इस चर्चा में शामिल हुए। उन्होंने यह जानकारी दी।
आज तक की खबर के मुताबिक, शरद पवार ने मीडिया द्वारा इस मुद्दे को तूल दिए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, टीवी पर इस मुद्दे पर हो रही चर्चा से देश का माहौल खराब हो रहा है। हमें इन परिस्थियों में इन सबसे बचना चाहिए।
पीएम ने जताई सहमति
गुलाम नबी आजाद ने बताया कि इस चर्चा में प्रोटेक्टिव सूट (पीपीई) पर भी चर्चा हुई। सभी दलों के नेताओं ने भी तब्लीगी जमात का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शरद पवार की बात पर सहमति जताई।
चर्चा में इन पार्टियों के नेता हुए शामिल
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए पीएम मोदी ने बीजेपी, कांग्रेस, डीएमके, एआईएडीएमके, टीआरएस, सीपीआईएम, टीएमसी, शिवसेना, एनसीपी, अकाली दल, एलजेपी, जेडीयू, एसपी, बीएसपी, वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी के फ्लोर लीडर्स के साथ कोरोना और लॉकडाउन पर चर्चा की।
बैठक में नेताओं ने रखी ये बातें
इस बैठक में फ्लोर लीडर्स ने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने 5 मांगें रखी है। इसमें राज्य एफआरबीएम राजकोषीय सीमा को 3 से 5 फीसदी करने, राज्यों को उनका बकाया देने, राहत पैकेज को जीडीपी के एक फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी करने, कोरोना टेस्ट को फ्री करने और पीपीई समेत सभी मेडिकल इक्विपमेंट को मुहैया कराने की मांग की गई है।