New Parliament Building: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देने पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, केजरीवाल सहित अन्य नेताओं के खिलाफ केस

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य विपक्षी दल नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।

 

New Parliament Building inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देते हुए भड़काऊ बयान देने के आरोप में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य राजनीतिक नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। आरोप लगाया गया है कि विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देकर एक अन्य समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारत सरकार के लिए अविश्वास पैदा करने की कोशिश की है।

किसने कराई है शिकायत दर्ज?

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विनीत जिंदल ने नई संसद भवन के उद्घाटन के संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जाति का हवाला देते हुए भड़काऊ बयान देने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य राजनीतिक नेताओं के खिलाफ केस दर्ज कराया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीसी की धारा 121,153ए, 505 और 34 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी। विनीत जिंदल, सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं।

विपक्षी दल नई संसद भवन को लेकर सरकार के खिलाफ खोले हैं मोर्चा

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और अन्य विपक्षी दल नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि राष्ट्रपति को उनके हक से वंचित किया जा रहा है साथ ही नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आमंत्रण भी न देकर केंद्र सरकार ने संवैधानिक पद का अपमान किया है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। कांग्रेस, भाकपा, आप और तृणमूल कांग्रेस समेत 20 दलों ने घोषणा की है कि वे इस कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।

विपक्षी दलों ने जारी किया है संयुक्त बयान...

विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करते हुए संयुक्त बयान जारी किया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि “नए संसद भवन का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमारे विश्वास के बावजूद कि सरकार लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है, और जिस निरंकुश तरीके से नई संसद का निर्माण किया गया था, उसके प्रति हमारी अस्वीकृति, हम अपने मतभेदों को दूर करने और इस अवसर को चिह्नित करने के लिए हम तैयार थे। लेकिन प्रधान मंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्णय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करना, न केवल एक गंभीर अपमान है, बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

विपक्षी दलों ने अपने बयान में संविधान के अनुच्छेद 79 के बारे में भी लिखा है। विपक्ष ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार संघ के लिए एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन शामिल होंगे जिन्हें क्रमशः राज्यों की परिषद और लोगों की सभा के रूप में जाना जाएगा। लेकिन केंद्र सरकार संविधान को भी नहीं मान रही है। बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे।

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