गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सभी सांसदों को नए संसद भवन के निर्माण का स्वागत करना चाहिए। 35 साल पहले नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब हमने इसके लिए प्लान बनाया था।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। इस मामले में पूर्व कांग्रेसी नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद का साथ नरेंद्र मोदी को मिला है।
आजाद ने सभी सांसदों से अपील की कि वे नए संसद भवन के निर्माण का स्वागत करें। उन्होंने कहा, "नई संसद काफी अच्छी है। मेरा कोई विरोध नहीं है। 35 साल पहले जब मैं संसदीय कार्य मंत्री था और पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, शिवराज पाटिल स्पीकर थे, हमलोगों ने तब नक्शा बनाया था। इसके बाद किसी ने बात ही नहीं की। अब बन गया है तो सभी सांसदों को इसका स्वागत करना चाहिए।"
आजाद बोले- बहाल होना चाहिए जम्मू-कश्मीर का विधायी ढांचा
आजाद ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधायी ढांचा नहीं होने के कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विधायकों की सीटें खाली हैं। इस सेटअप की बहाली से लोगों की समस्याएं कम हो सकती हैं। आजाद ने कहा, "हम पुराने जम्मू-कश्मीर की बहाली चाहते हैं।"
राजौरी की अपनी यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को आजाद ने बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और जम्मू-कश्मीर की गिरती अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनसे नौकरियां और जमीन छीनी जा रही है।
आजाद ने कहा- हमारी सरकार बनी तो नौकरियों और जमीन के अधिकारों को सुरक्षित करेंगे
आजाद ने कहा कि हमारी पार्टी की सरकार बनती है तो हम स्थानीय लोगों की दुर्दशा को देखते नहीं रहेंगे। उनकी नौकरियों और जमीन के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए सभी राजनीतिक और कानूनी पहल किए जाएंगे। आजाद ने कहा, "जब मैं जम्मू-कश्मीर की सीएम था तब इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया था। राज्य के आर्थिक उत्थान के लिए प्रयास किया। तब से लगता है कि किसी ने भी इस क्षेत्र की जरूरतों और आकांक्षाओं को नहीं समझा है।"