चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मटैरियल पर 2-3 मार्च को होगी नेशनल कॉन्फ्रेंस, NHRC के इस आयोजन का किरेन रिजिजू करेंगे उद्घाटन

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(NHRC) 2 और 3 मार्च को बाल यौन शोषण सामग्री पर एक नेशनल कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगा। इसमें केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।

नई दिल्ली. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग( National Human Rights Commission) 2 और 3 मार्च को बाल यौन शोषण सामग्री(child sexual abuse material) पर एक नेशनल कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगा। इसमें केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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अधिकारियों ने बताया कि कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य बच्चों के लिए सुरक्षित साइबरस्पेस की वकालत करने के लिए विचार-विमर्श के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसीज सहित पॉलिसी मेकर्स और कंटेंट होस्ट के लिए सिफारिशें प्राप्त करना है।

NHRC ने एक बयान में कहा, "सीएसएएम (बाल यौन शोषण सामग्री) का प्रॉडक्शन, ट्रांसमिशन और कंजप्शन नई और अधिक आक्रामक सामग्री की मांग को और बढ़ा देता है, जिससे बाल पीड़ितों के साथ लगातार छेड़छाड़ के अलावा नए बच्चों का यौन शोषण जारी रहता है।"

NHRC ने कहा कि इससे बच्चों पर अपूरणीय साइकोलॉजिकल डैमेज हो सकता है। इससे उनकी ग्रोथ और डेवलपमेंट प्रभावित हो सकता है।"

सेंट्रल मिनिस्टर लॉ एंड जस्टिस किरेन रिजिजू एनएचआरसी के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) अरुण कुमार मिश्रा, राइट्स पैनल के सदस्यों के अलावा संबंधित मंत्रालयों के सीनियर आफिसर्स, लीगत एक्सपट्स, शिक्षाविदों और स्कालर्स की उपस्थिति में यहां विज्ञान भवन में सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।

आयोग ने कहा कि वह ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज मटैरियल के दुष्प्रभावों से चिंतित है और हाल के दिनों में समय-समय पर संवाद आयोजित करता रहा है, ताकि इस खतरे को रोकने के तरीकों के बारे में पता लगाया जा सके।

अधिकारियों ने कहा कि 21 जुलाई, 2020 को NHRC ने इस विषय पर एक ऑनलाइन नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी, जिसमें अंतरराष्ट्रीय संगठनों, सरकारी मंत्रालयों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और पैरेंट्स एसोसिएशंस से महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी।

आयोग ने क्रमशः 29 सितंबर, 2020 और 2 जून, 2021 को COVID-19 के संदर्भ में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए दो 'ह्यूमन राइट्स एडवाजयरी' भी जारी किए, जिसमें उसने क्रमश: साइबर अपराध और बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के संबंध में अधिकारियों को सिफारिशें कीं।

ये साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और डिजिटल एजुकेशन के लिए प्रज्ञाता गाइडलाइंस(PRAGYATA Guidelines for Digital Education) का उपयोग करने से संबंधित है।

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