PFI Banned: 15 राज्य, 356 गिरफ्तारियां, जानें पीएफआई पर छापेमारी की इनसाइड Story

केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर एक्शन लिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया है। सरकार ने कहा, PFI और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।

Asianet News Hindi | Published : Sep 22, 2022 9:41 AM IST / Updated: Sep 28 2022, 11:16 AM IST

PFI Banned: केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर एक्शन लिया गया है। गृह मंत्रालय ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया है। इसके साथ ही PFI के सभी संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं। बता दें कि NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 और 27 सितंबर को PFIऔर उससे जुड़े संगठनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI मेंबर गिरफ्तार हुए थे। वहीं, 27 सितंबर को दूसरे राउंड की छापेमारी में 250 से ज्यादा PFI से जुड़े लोग पकड़े गए। आइए जानते हैं इस कार्रवाई से जुड़ी इनसाइड स्टोरी। 

इन राज्यों में हुई छापेमारी : 
NIA की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रेदश, पुडुचेरी और राजस्थान में चल रही है। इधर, कार्रवाई के बीच गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। मीटिंग में NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला और NIA के महानिदेशक भी मौजूद रहे।

इन एजेंसियों ने दिया NIA का साथ : 
PFI के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अलावा देश की और भी एजेंसियां शामिल हैं। इस कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) और स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) भी शामिल है। 

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ऑपरेशन PFI में शामिल रहे 1000 से ज्यादा जवान : 
NIA के ऑपरेशन में 1000 से ज्यादा जवान शामिल थे। इस छापेमारी अभियान में 4 आईजी, 1 एडीजी, 16 एसपी समेत 200 एनआईए के जवान शामिल थे। इसके अलावा राज्य पुलिस और सीएपीएफ के जवानों की संख्या 1000 है। इस ऑपरेशन की निगरानी के लिए 6 कंट्रोल रूम बनाए गए थ्ज्ञे, जिनका कमांड कंट्रोल सेंटर गृह मंत्रालय में बनाया गया था।

दो राउंड में 356 PFI मेंबर गिरफ्तार : 
एनआईए के पहले राउंड की कार्रवाई 22 सितंबर को हुई, जिसमें 106 पीएफआई मेंबर गिरफ्तार किए गए। वहीं, दूसरे राउंड की छापेमारी 27 सितंबर को की गई, जिसमें PFI से जुड़े करीब 250 लोग गिरफ्तार किए गए। बता दें कि PFI और इससे जुड़े संगठन गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। ये गतिविधियां देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा हैं। एजेंसियों का कहना है कि PFI के कुछ फाउंडिंग मेंबर्स SIMI के लीडर्स थे। इसके संबंध जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से थे। ये दोनों प्रतिबंधित संगठन हैं।

PFI से जुड़े इन संगठनों पर भी लगा बैन : 

1. रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF)

2. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)

3. ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC)

4. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO)

5. नेशनल विमेन्स फ्रंट

6. जूनियर फ्रंट

7. एम्पावर इंडिया फाउंडेशन

8. रिहैब फाउंडेशन

क्यों मारा गया PFI के ठिकानों पर छापा?
PFI पर लंबे समय से आतंकी गतिविधियां संचालित करने के आरोप लगते रहे हैं। इनमें टेरर फंडिंग, आतंकी ट्रेनिंग कैम्प चलाना, चंदे की रकम से आतंकी मॉड्यूल तैयार करना, बाहर से हुई फंडिंग से भारत के खिलाफ प्रचार करना, स्कूल, कॉलेज और मदरसों से नए लड़कों की भर्ती करना, मुस्लिम बहुल इलाकों में लड़कों का ब्रेनवॉश करना, मार्शल आर्ट के जरिए नए लड़कों को आतंक की ट्रेनिंग, कुंगफू और कराटे सिखाकर आतंकियों को तैयार करना, कश्मीर मॉडल के तहत लड़कों को पत्थर चलाने की ट्रेनिंग देना जैसे काम शामिल हैं। 

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