राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कर्नाटक, केरल और बिहार में करीब 25 स्थानों पर छापेमारी की है। यह रेड फुलवारी शरीफ पीएफआई केस (Phulwarisharif PFI Case) से जुड़े कनेक्शन की वजह से डाली गई है।
Phulwarisharif PFI Case. बिहार के बहुचर्चित फुलवारी शरीफ पीएफआई मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तीन राज्यों में छापेमारी की है। एनआईए ने बिहार के अलावा कर्नाटक और केरल में करीब 25 जगहों पर रेड डाली है और जरूरी दस्तावेज खंगाले हैं। पीएफआई की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों से तार जुड़ने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यह छापेमारी की है। मामला बिहार के पटना स्थित फुलवारी शरीफ से जुड़ा हुआ है।
इससे पहले 6 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
रिपोर्ट्स की मानें तो इससे पहले इस मामले में 6 लोगों का गिरफ्तार किया जा चुकी है। जिनके पास से कई तरह के आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए। यह दस्तावेज पीएफआई से जुड़े थे, जिन्हें सीज कर दिया गया है। इस केस से जुड़ा पहला मामला पिछले साल 12 जुलाई को पटना के फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। जिसके बाद जुलाई में एनआईए ने भी मामला दर्ज किया और जांच शुरू की गई। इस साल 4 और 5 फरवरी को एनआईए ने मोतिहारी में छापेमारी की थी जिसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि ये लोग हत्याओं के लिए हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराते थे। जिन्हें गिरफ्तार किया गया था, उनकी पहचान तनवीर रजा उर्फ बरकती और मोहम्मद आबिद उर्फ आर्यन के रूप में की गई थी।
पीएफआई देती थी प्रशिक्षण
एएनआई ने गिरफ्तारी के बाद कहा था कि पीएफआई का ट्रेनर याकूब इन्हें ट्रेनिंग देता था। जिसमें टार्गेट सेट करने से लेकर हथियारों और गोली की उपलब्धता और वारदात को अंजाम देने के लिए पूरा ट्रेनिंग सेशन चलाया जाता था। एजेंसी ने कहा कि यह शांति व्यवस्था को भंग करने की नियत से किया जाता था। एजेंसी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही पीएफआई ट्रेनर याकूब ने फेसबुक पर जानबूझकर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह शांति और भाईचारा बढ़ाने की बात कह रहा है। उसके इस पोस्ट को दूसरे यूजर्स ने ट्रोल कर दिया और भद्दी गालियां तक दीं। गिरफ्तार लोगों ने याकूब की पहचान की है, जबकि वह अभी भी फरार चल रहा है।
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