केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप तो बीजेपी से लेकर सरकार के मंत्री तक ने बोला हमला

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्त रेवड़ी के खिलाफ बोलने वालों की नीयत खराब है। मैं कह रहा हूं कि देश में चर्चा करो, लोगों को बिजली, पानी, शिक्षा मुफ्त मिले या नहीं, इस पर जनमत संग्रह कराओ।

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इस आरोप का खंडन करते हुए मुफ्त उपहारों के वितरण पर बहस की मांग की है कि केंद्र सरकार कॉरपोरेट जगत में अपने दोस्तों के करोड़ों-करोड़ के लोन माफ कर दिए हैं। सीतारमण ने कहा कि केजरीवाल मुफ्त में होने वाली बहस को 'विकृत मोड़' दे रहे हैं। कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा को कभी भी मुफ्त नहीं कहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त में वर्गीकृत करते हुए, केजरीवाल गरीबों के मन में चिंता और भय की भावना लाने की कोशिश कर रहे हैं। 

निर्मला सीतारमण ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझकर इस तर्क को गलत तरीके से तैयार कर रहे हैं। कोई यह नहीं कह रहा है कि गरीबों को मुफ्त लाभ देना गलत है। लेकिन ऋण बट्टे खाते में डालने को मुफ्त में वर्गीकृत करना, या कॉर्पोरेट टैक्स कहना भी गलत है। दरों में कटौती कॉरपोरेट्स को लाभ पहुंचाने के लिए की गई थी।

Latest Videos

केंद्र ने तर्क दिया है कि विपक्ष के पास दीर्घकालिक सुधारात्मक कदमों के लिए एक सुसंगत रणनीति नहीं है। न उनके पास रोजगार पैदा करने या आय बढ़ाने या व्यापार में सुधार करने की कोई रणनीति है न ही वह समाज के गरीबों-वंचितों के लिए कुछ करने में सक्षम हैं। वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष के पास चुनाव जीतने के लिए मुफ्त का वादा कर सत्ता पाने की योजना है। यह केवल चुनाव जीतने के लिए काम करता है। इस तरह की रणनीति अंततः राजकोष को प्रभावित करेगी और राज्य के दिवालिएपन की ओर ले जाएगी।

आर्थिक लाभ देने में मोदी सरकार सबसे आगे

BlueKraft Digital Foundation के CEO अखिलेश मिश्र ने भी केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से योग्य लोगों के लिए लाभ व्यवस्था बनाने में मोदी सरकार सबसे आगे रही है। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री भ्रम फैला रहे हैं। कहा कि सभी को मुफ्त पानी, चाहे कुछ भी हो। या मुफ्त में पानी, टीवी, सोने के गहने, मोबाइल फोन, वॉशिंग मशीन, साड़ी आदि बांटना मुफ्त की रेवड़ी है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा आवंटन में 25% की कटौती नहीं की गई है। मनरेगा का बजट मांग के अनुरूप जारी होता है। जितना पैसा चाहिए उतना उपलब्ध कराया जाता है। FY 2020-21 में 61,500 करोड़ था लेकिन 1.15 लाख करोड़ महामारी दौरान मांग के कारण खर्च किए गए। इसी तरह 21-22 के लिए 98,000 करोड़ दिया गया।

 

बताया राइट-ऑफ छूट नहीं

अखिलेश मिश्र ने कि गेंहू-चावल पर जीएसटी की बात हो रही है लेकिन यह केवल ब्रांडेड गेंहू या चावल पर है। खुले में बिक रहे सामानों पर नहीं है। मिश्र ने जवाब दिया कि पेट्रोल/डीजल पर एकत्रित कर का पैसा कहां गया? बताया कि 2014-22 के बीच मोदी सरकार ने विकास पर 90.9 लाख करोड़ खर्च किए (2004-14 के बीच यूपीए सिर्फ 49.2 लाख करोड़)। इसी तरह उन्होंने 10 लाख करोड़ का कर्ज माफ किए जाने पर जवाब दिया कि यह पूरी तरह से झूठ है। राइट-ऑफ़ छूट नहीं है। वसूली प्रक्रिया को जारी रखने देना आरबीआई द्वारा अनिवार्य प्रक्रिया है। वास्तव में, बैंकों ने 2014-22 के बीच 8.6 लाख करोड़ रुपये वसूल किए हैं, जो ज्यादातर यूपीए के दौर में दिए गए थे। उन्होंने बताया कि कॉरपोरेट टैक्स कटौती का फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अर्थशास्त्र की समझ नहीं है।

क्यों शुरू हुआ मुफ्त वाला बहस?

दरअसल, पीएम मोदी ने यूपी में 16 जुलाई को बुंदेलखंड में एक एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के दौरान रेवड़ी सस्कृति या मुफ्त योजनाओं पर कटाक्ष करते हुए इसको बंद करने की सलाह दी थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने झारखंड में एक समारोह में बोलते हुए कहा कि यह देश को नष्ट कर सकता है। पीएम मोदी ने कहा था कि मुफ्त में नया हवाई अड्डा या नया मेडिकल कॉलेज नहीं मिलेगा। अगर आप मुफ्त में चीजें देते हैं, तो आप हवाई अड्डे या सड़कें कैसे बना सकते हैं? भाजपा ने इसके बाद मुफ्त रेवड़ी पर बहस छेड़ दी थी।

बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी, शिक्षा-बिजली-पानी समेत कई फ्री की योजनाएं चला रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को लेकर काफी वादे किए और लगातार उस पर काम कर रही है। गुजरात में भी आप ने कई घोषणाएं की है। यहां आप ने बेरोजगारी भत्ता का भी वादा किया है।

केजरीवाल ने किया पलटवार

अरविंद केजरीवाल ने पलटवार करते हुए दावा किया कि जो देश को नष्ट करता है वह मुफ्त नहीं बल्कि भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि भाजपा की रेवड़ी केवल उनके दोस्तों को दी जाती है और स्विस बैंकों में समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा, वह नागरिकों के पैसे को नागरिकों के कल्याण के लिए खर्च कर रहे हैं। यह जनता का पैसा है, जो कुछ भी आपको मुफ्त मिलता है वह नागरिकों के लिए होना चाहिए न कि ठेकेदारों या मंत्रियों के लिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुफ्त रेवड़ी के खिलाफ बोलने वालों की नीयत खराब है। मैं कह रहा हूं कि देश में चर्चा करो, लोगों को बिजली, पानी, शिक्षा मुफ्त मिले या नहीं, इस पर जनमत संग्रह कराओ।

यह भी पढ़ें:

नीतीश कुमार को समर्थन देने के बाद तेजस्वी का बड़ा आरोप- गठबंधन वाली पार्टी को खत्म कर देती है BJP

जेपी के चेलों की फिर एकसाथ आने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है, यूं ही नीतीश-लालू की पार्टी की नहीं बढ़ी नजदीकियां

बिहार में नीतीश कुमार व बीजेपी में सबकुछ खत्म? 10 फैक्ट्स क्यों जेडीयू ने एनडीए को छोड़ने का बनाया मन

क्या नीतीश कुमार की JDU छोड़ेगी NDA का साथ? या महाराष्ट्र जैसे हालत की आशंका से बुलाई मीटिंग

NDA में दरार! बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने किया ऐलान-मोदी कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे

RCP Singh quit JDU: 9 साल में 58 प्लॉट्स रजिस्ट्री, 800 कट्ठा जमीन लिया बैनामा, पार्टी ने पूछा कहां से आया धन?

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh