Nobel Prize 2022: फैक्ट चेकर पत्रकार मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा भी नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले रेस में

2022 में नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में एक लंबी सूची है। इन नामों में पोप फ्रांसिस, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थमबर्ग, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाईजेशन, ब्रिटेन की नेचर ब्रॉडकास्टर डेविड एटनबरो, म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार, बेलारूस की विपक्षी नेता स्वेतलाना सिखानौस्काया, तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफे आदि प्रमुख हैं।

Nobel Peace Prize 2022: नोबेल शांति पुरस्कार 2022 से भारत की उम्मीदें भी बढ़ी है। नोबेल शांति पुरस्कार की रेस में दो भारतीय पत्रकारों के नाम भी आगे चल रहे हैं। नॉर्वे की नोबेल कमेटी शुक्रवार को शांति पुरस्कार के विजेता का ऐलान करेगी। नोबेल शांति पुरस्कार पाने वालों की दौड़ में धर्म गुरु, अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ दो भारतीय पत्रकारों के भी नाम हैं। फेक न्यूज के युग में फैक्ट चेकर दो पत्रकार मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा का नाम इस बार खुश होने का मौका दे सकता है। टाइम की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय फैक्टचेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा को 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दावेदारों में शामिल किया गया है। 

कौन कौन हैं शामिल नोबेल शांति पुरस्कार के दावेदारों में?

Latest Videos

2022 में नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में एक लंबी सूची है। दावेदारों की लंबी-चौड़ी लिस्ट में 343 नाम हैं। इसमें 251 लोगों के नाम हैं तो 92 संगठनों के नाम हैं। इन नामों में पोप फ्रांसिस, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थमबर्ग, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाईजेशन, ब्रिटेन की नेचर ब्रॉडकास्टर डेविड एटनबरो, म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सरकार, बेलारूस की विपक्षी नेता स्वेतलाना सिखानौस्काया, तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफे आदि प्रमुख हैं। टाइम के अनुसार, फैक्टचेक वेबसाइट AltNews के को-फाउंडर प्रतीक सिन्हा और मुहम्मद जुबैर भी शांति पुरस्कार की दौड़ में शामिल हैं। यह नाम नॉर्वेजियन सांसदों द्वारा सार्वजनिक किए गए नामांकन, भविष्यवाणियों और ओस्लो पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRIO) के विकल्पों के आधार पर पुरस्कार के लिए फाइनल में शामिल हैं।

कौन हैं फैक्ट चेक पत्रकार?

ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर पिछले काफी दिनों से सुर्खियों में रहे हैं। उनको जून में एक चार साल पहले किए गए ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने अरेस्ट किया था। इस गिरफ्तारी की देश-दुनिया के सामाजिक संगठनों व पत्रकारों ने निंदा की थी। ऑल्ट न्यूज पर हुई इस कार्रवाई का एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी विरोध किया था। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने 28 जून को कहा: "यह स्पष्ट है कि AltNews की तीव्र सतर्कता का उन लोगों द्वारा विरोध किया गया था जो समाज का ध्रुवीकरण करने और राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने के लिए झूठ को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं।"

दिल्ली पुलिस ने उन पर धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर काम करने का आरोप लगाया। जुबैर को लगभग एक महीने बाद 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

यह भी पढ़ें:

Nobel Prize in Physics 2022: इन तीन वैज्ञानिकों को अपने इस प्रयोग के लिए मिला पुरस्कार

'साहब' ने अपने लिए खरीदी अवैध तरीके से 29 गाड़ियां, HC की तल्ख टिप्पणी-देश में घोटालों से बड़ा है जांच घोटाला

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna