NSA अजीत डोभाल, PM मोदी की वो परछाई जो भारत को विश्व स्तर पर चमकता देखने के लिए दिन-रात कर रही काम

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वव्यापी उपस्थिति रहती है। वे न केवल प्रधानमंत्री की आभासी छाया हैं, बल्कि एक समानांतर राजनयिक कोर के रूप में काम करते हैं।

Contributor Asianet | Published : May 30, 2023 5:57 AM IST / Updated: May 30 2023, 11:29 AM IST

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वव्यापी उपस्थिति रहती है। वे न केवल प्रधानमंत्री की आभासी छाया हैं, बल्कि एक समानांतर राजनयिक कोर के रूप में काम करते हैं। कहा जाता है कि पीएम की तरह वो भी लगातार काम कर रहे हैं।

कई सफल अभियानों में काम कर चुके हैं अजीत डोभाल

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एक रिटायर्ड आईपीएस अफसर के रूप में अजीत डोभाल ने कई सफल अभियानों पर सफलतापूर्वक काम किया है। डोभाल पर एक खुफिया जार के तौर पर भरोसा किया जाता है। इसके अलावा, पीएम मोदी उनमें एक ऐसे शख्स को देखते हैं, जो कश्मीर जैसे संघर्षों के भंवर में फंसे लोगों और दिल्ली दंगों के पीड़ितों से बातचीत कर सकता है। इसके अलावा, उन्हें अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मिलने के लिए भी भेजा जाता है।

कश्मीर में शांति कायम करने में डोभाल की अहम भूमिका

अजीत डोभाल के नेतृत्व में कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। कश्मीरियों द्वारा दिखाए गए गुस्से से बेपरवाह, डोभाल घाटी में स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत करते रहे, ताकि उन्हें केंद्र से मिलने के लिए राजी किया जा सके। कश्मीरी नेताओं के साथ उनके प्रयासों की बदौलत कश्मीर घाटी में परिसीमन का काम सफलतापूर्वक पूरा हुआ। अब धारा 370 हटने के बाद के पहले विधानसभा चुनावों के लिए मंच तैयार है, जो इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है।

दंगा पीड़ितों से मिलकर डोभाल ने जीता विश्वास

फरवरी, 2020 में नॉार्थ-ईस्ट दिल्ली में CAA विरोधी प्रदर्शनों के बाद हुए दंगों ने मुसलमानों को हताशा में छोड़ दिया था। ऐसे में केंद्र के नेतृत्व वाली दिल्ली पुलिस के खिलाफ उनमें काफी गुस्सा था। इस हंगामे के बीच अजीत डोभाल मुसलमानों से मिलने गए और सीधे उनके क्षेत्रों में जाकर उनसे बात की। उन्होंने मुस्लिमों को भरोसा दिलाया कि हिंसा करने वाले अपराधियों से निपटने में हम कोई पक्षपात नहीं करेंगे। मुसलमानों के बीच डोभाल की ये मौजूदगी निश्चित रूप से उन्हें आश्वस्त करने वाली थी।

कूटनीति के भी माहिर खिलाड़ी हैं डोभाल

अजीत डोभाल की कूटनीति भारत जैसी तेजी से विकसित हो रही भू-राजनीतिक इकाई की जरूरतों के मुताबिक काम कर रही है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद डोभाल को यूक्रेन युद्ध के एवज में अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय चिंताओं को दूर करने के लिए फरवरी, 2023 में मास्को आमंत्रित किया था। पुतिन ने डोभाल से लंबी पर्सनल मीटिंग की। दरअसल, पुतिन रूस और पश्चिमी देशों के बीच कम्युनिकेशन की खुली लाइनें बनाए रखने में भारत के महत्व को अच्छी तरह पहचानते हैं। और शायद इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि ये बैठक डोभाल की प्रतिभा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा उच्च सम्मान के प्रति उनके पूरे विश्वास को दर्शाती है। डोभाल ने रूसी सुरक्षा सलाहकार और पुतिन के दाहिने हाथ निकोलाई पेत्रुशेव से भी फोन पर बात की, जो रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव के रूप में कार्य करते हैं।

कंटेंट : आवाज द वॉइस

ये भी देखें : 

SCO-NSA Meeting: अजीत डोभाल ने दी चीन को नसीहत, आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को दिखाया आईना

 

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