Odisha Train Accident: मरम्मत के बाद पहली ट्रेन चली तो रेल मंत्री ने हाथ जोड़ की प्रार्थना, 51 घंटे तक डटे रहे अश्विनी वैष्णव, देखें वीडियो

Published : Jun 05, 2023, 06:41 AM ISTUpdated : Jun 05, 2023, 09:16 AM IST
Ashwini Vaishnaw

सार

ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) में टूटे रेल ट्रैक की मरम्मत हो गई है। इस ट्रैक से पहली ट्रेन गुजरी तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाथ जोड़कर प्रार्थना की। हादसे के 51 घंटे बाद इस रेल ट्रैक के मरम्मत का काम पूरा हुआ।

बालासोर। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को ट्रेन हादसा (Odisha Train Accident) हुआ था। इसमें 275 लोगों की मौत हो गई। हादसे में रेल ट्रैक को भारी नुकसान हुआ था। रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी ट्रैक की मरम्मत में दिन रात लगे थे। इसे अब ठीक कर लिया गया है। मरम्मत के बाद पहली ट्रेन गुजरी तो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) हाथ जोड़कर प्रार्थना की।

 

 

हादसे के 51 घंटे बाद इस रेल ट्रैक के मरम्मत का काम पूरा हुआ। इस दौरान रेल मंत्री मौके पर डटे रहे। इसके बाद ट्रायल के लिए एक ट्रेन (मालगाड़ी) को ठीक किए गए रेल ट्रैक पर चलाया गया। इस दौरान मौके पर रेल मंत्री मौजूद थे। उन्होंने कहा, "हर किसी ने शानदार काम किया है। मुझे प्रभावित परिवारों के लिए बहुत दुख है। हम घटना के मूल कारण तक पहुंचेंगे और जो भी जिम्मेदार होगा उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।"

रेल मंत्रालय ने कहा- सीबीआई करे ट्रेन हादसे की जांच

इससे पहले रेल मंत्रालय ने बालासोर ट्रेन हादसे की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की। अश्विनी वैष्णव ने कहा, "जो कुछ भी हुआ, प्रशासन के पास जो जानकारी थी, उसे ध्यान में रखते हुए, रेलवे बोर्ड ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।"

सिग्नलिंग में गड़बड़ी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस

रेलवे ने रविवार को कहा था कि सिग्नलिंग में गड़बड़ी के चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई। उसकी टक्कर लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से हो गई। इस मालगाड़ी में लौह अयस्क लदा था। गौरतलब है कि रविवार को ओडिशा सरकार ने ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या को संशोधित करते हुए 288 से घटाकर 275 कर दिया।

कोरोमंडल एक्सप्रेस को मिला था ग्रीन सिग्नल

रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को बहानागा बाजार स्टेशन से आगे जाने के लिए ग्रीन सिग्नल मिला था। लूप लाइन में दो मालगाड़ियां खड़ी थीं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सिग्नलिंग में कोई परेशानी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए सिग्नल ग्रीन थे। यह ट्रेन लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इसके डिब्बे बिखड़ गए। जिस वक्त हादसा हुआ उस समय मौके से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस गुजर रही थी। लगभग पूरी ट्रेन निकल गई थी तभी आखिरी के दो डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस के उछलकर आए डिब्बे से टकरा गए। इससे वे भी पटरी से उतर गए।

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