ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के बाद अब मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। एक हजार से अधिक रेलकर्मी रेल ट्रैक ठीक करने में जुटे हैं।
बालासोर। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 288 हो गई है। एक हजार से अधिक रेल यात्री घायल हुए हैं। राहत और बचाव अभियान पूरा हो गया है। अब रेलवे का पूरा फोकस रेल ट्रैक मरम्मत करने पर है। इसके लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार ने कहा कि पलटी हुई बोगियों को हटा दिया गया है। एक तरफ से ट्रैक को जोड़ने का काम चल रहा है। हमारी कोशिश है कि मरम्मत का काम जल्द से जल्द खत्म हो और रेल ट्रैक पर परिचालन शुरू किया जाए।
एक हजार से अधिक रेलकर्मी कर रहे ट्रैक मरम्मत
इससे पहले शनिवार को रेल मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि ओडिशा के बालासोर में रेल ट्रैक ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। इस काम में एक हजार से अधिक रेलकर्मी जुटे हुए हैं। वर्तमान में 7 से ज्यादा पोकलेन मशीन, 2 राहत ट्रेनें और 3-4 रेलवे और सड़क क्रेन तैनात किए गए हैं। NDRF की 7 टीमें, ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स की 5 यूनिट्स और 24 अग्निशमन सेवाएं बचाव कार्यों में शामिल थीं। भारतीय वायु सेना ने बचाव अभियान में मदद के लिए Mi-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए थे।
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पटरी से उतर गए थे कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे
गौरतलब है कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हाल के वर्षों में सबसे बड़ा रेल हादसा हुआ था। हादसे में तीन ट्रेनें (दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी) शामिल थी। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानागा बाजार स्टेशन के पास ट्रैक पर पहले से खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके चलते कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ये डिब्बे दूसरे ट्रैक पर चले गए थे जिसपर बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस तेज रफ्तार से आ रही थी। इसने पटरी पर मौजूद डिब्बों को टक्कर मार दी। दोनों पैसेंजर ट्रेनों के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।
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