वो एक कॉल, जिसने अब्दुल कलाम को मिसाइलमैन से बना दिया राष्ट्रपति, आखिर कौन था फोन के दूसरी तरफ

पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम की आज (बुधवार) 7वीं डेथ एनिवर्सरी है। 27 जुलाई, 2015 को वे जब आईआईएम शिलॉन्ग में एक इवेंट के दौरान लेक्चर दे रहे थे, तभी उन्हें हार्ट अटैक आ गया, जिससे उनका निधन हो गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 26, 2022 3:27 PM IST

APJ Abdul Kalam Death Anniversary: पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम की आज (बुधवार) 7वीं डेथ एनिवर्सरी है। 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में पैदा हुए डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम 27 जुलाई, 2015 को जब आईआईएम शिलॉन्ग में एक इवेंट के दौरान लेक्चर दे रहे थे, तभी उन्हें हार्ट अटैक आ गया, जिससे उनका निधन हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकीर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम था। दुनिया उन्हें 'मिसाइलमैन' के नाम से भी जानती हैं। अब्दुल कलाम को एक फोन कॉल ने राष्ट्रपति बनवा दिया था। इस बात का जिक्र खुद उन्होंने अपनी किताब में किया है। जानते हैं, उस किस्से के बारे में। 

कलाम साहब के लेक्चर में आते थे क्षमता से ज्यादा स्टूडेंट : 
अपनी किताब 'टर्निंग पॉइंट्स: अ जर्नी थ्रू चैलेंजेज' में खुद अब्दुल कलाम ने लिखा है- तब मैं एना यूनिवर्सिटी में काम करता था। मेरी क्लास की कैपेसिटी 60 स्टूडेंट्स की थी लेकिन मेरे हर लेक्चर में 350 से ज्यादा स्टूडेंट्स आते थे। मेरा उद्देश्य था कि पोस्ट-ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए 10 लेक्चर्स का एक कोर्स तैयार करूं,  जिसमें मेरे राष्ट्रीय मिशन से जुड़े एक्सपीरियंस भी हों।

जब सीधा पीएम ऑफिस से आया फोन : 
10 जून, 2002 को मेरे उस कोर्स का नौवां लेक्चर था, जिसका नाम 'विजन तो मिशन' था। मैं अपना लेक्चर पूरा करके लौट रहा था, तभी मेरे पास एना यूनिवर्सिटी के वीसी कलानिधि आए। उन्होंने मुझसे कहा कि कोई आपसे बात करना चाहता है। जब मैं मिस्टर कलानिधि के साथ उनके ऑफिस पहुंचा तो उस समय भी फोन बज रहा था। फोन उठाते ही दूसरी ओर से आवाज आई, प्राइम मिनिस्टर साहब आपसे बात करना चाहते हैं। 

चंद्रबाबू नायडू बोले- प्लीज कलाम साहब, ना मत कहना : 
इसके बाद कलाम साहब वहीं ऑफिस में बैठकर पीएम के फोन का इंतजार करने लगे। इसी बीच, आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू का फोन उनके मोबाइल पर आया। उन्होंने कहा- पीएम साहब का एक जरूरी कॉल आपके पास आने वाला है, प्लीज ना मत कहना। इतना कहते ही दूसरी ओर लैंडलाइन पर घंटी बजी। इसके बाद कलाम साहब ने फोन उठाया तो दूसरी ओर, पीएम अटल बिहारी वाजपेयी थे। 

अटलजी ने फोन पर दिया राष्ट्रपति बनने का ऑफर : 
फोन पर बात करते हुए पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा- मैं अभी-अभी ऑल पार्टी मीटिंग से लौटा हूं। उस मीटिंग में हम सबने मिलकर ये फैसला किया है कि आप देश के राष्ट्रपति बनें। मुझे आज ही इस बात का ऐलान करना है और इसके लिए मुझे आपकी हामी की जरूरत है। इसके बाद कलाम साहब ने अटलजी को इसके लिए थोड़ा वक्त देने के लिए कहा। इस पर अटलजी ने कहा- आप समय ले लीजिए लेकिन मैं हां सुनना चाहता हूं। बाद में कलाम साहब ने इस संबंध में अपने कुछ करीबी दोस्तों से बात की। 

अटलजी को ना नहीं कह सके कलाम और..
कुछ घंटों तक सोचने-विचारने के बाद कलाम साहब ने सोचा कि एक वैज्ञानिक के तौर पर तो मैं देश के लिए काम कर ही रहा हूं, लेकिन एक राष्ट्रपति के तौर पर देश की सेवा का मौका मिल रहा है तो इसमें हर्ज ही क्या है। इसके बाद उन्होंने खुद प्रधानमंत्री को फोन लगाया और राष्ट्रपति बनने के लिए हां कर दी। दूसरी ओर, अब्दुल कलाम के नाम पर न सिर्फ एनडीए बल्कि यूपीए ने भी समर्थन कर दिया। हालांकि, वामपंथी दलों ने अपने उम्मीदवार के रूप में लक्ष्मी सहगल को उतारा लेकिन कलाम साहब ने देश के 12वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को शपथ ली।  

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