राष्ट्रपति चुनाव: काम न आया दीदी का प्लान, शरद पवार,TRS व AAP का यू टर्न, ओवैसी बोले-बुलातीं, तब भी न जाते

राष्ट्रपति चुनाव(President Election 2022) को लेकर भाजपा को चुनौती देने की ममता बनर्जी की कोशिश नाकाम होती नजर आ रही है। शरद पवार के बाद TRS और AAP भी उनकी मीटिंग्स से पीछे हट गई है। ममता बनर्जी ने 15 जून को गैर बीजेपी दलों की बैठक का ऐलान किया था। लेकिन कई दलों ने इससे हाथ खींच लिए। 

Amitabh Budholiya | Published : Jun 15, 2022 5:40 AM IST / Updated: Jun 15 2022, 12:00 PM IST

नई दिल्ली. अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव(President Election 2022) को लेकर भाजपा को चुनौती देने की ममता बनर्जी की कोशिश नाकाम होती नजर आ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने ममता बनर्जी ने 15 जून को गैर बीजेपी दलों की बैठक का ऐलान किया था। लेकिन कई दलों ने इससे हाथ खींच लिए। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस मीटिंग में आने से मना कर दिया। AAP ने कहा कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद ही वो कोई विचार करेगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री और TRS चीफ के. चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस को बुलाए जाने पर आपत्ति लेते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ मंच शेयर करने का सवाल ही नहीं उठता है।

"बहुत से बड़े नेता बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन हम इस बैठक में जा रहे हैं, क्योंकि हमारा मकसद BJP के खिलाफ लड़ना है और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें जो करना होगा हम वो करेंगे।" मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता

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मुझे नहीं बुलाया गया है,अगर बुलाया जाता तो भी मैं नहीं जाता, इसकी वजह कांग्रेस है। हमें खरी खोटी सुनाने वाली TMC बुलाती तो हम इसलिए नहीं जाते, क्योंकि उन्होंने बैठक में कांग्रेस को बुलाया है। असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM प्रमुख

ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं, ताकि भाजपा की राहत आसान न रहे।

( यह तस्वीर 14 जून की है, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से मिलने नई दिल्ली स्थित उनके घर पहुंची थीं)

शरद पवार ने किया शिवसेना को निराश
माना जा रहा है कि जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और G-23 समूह के नेता गुलाम नबी आजाद के नाम भी राष्ट्रपति पद के लिए सामने आ रहे हैं। लेकिन एक नाम और उछाला गया-वो  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार का था। लेकिन 13 जून को NCP के कैबिनेट मेंबर्स की मीटिंग में शरद पवार ने यह कहकर सबको निराश कर दिया कि वो दौड़ में शामिल नहीं हैं। पवार ने कहा-"मैं राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार नहीं बनूंगा।"

शरद पवार के इस बयान ने विपक्ष को पहले ही तगड़ा झटका दिया था, अब  TRS और AAP के पीछे हटने से ममता बनर्जी की मुहिम कमजोर पड़ती दिख रही है। इससे पहले अयोध्या में शिवसेना लीडर ने फिर दुहराया था कि राष्ट्रपति चाहिए तो शरद पवार, रबड़ स्टांप चाहिए तो बहुत हैं। बैठक से पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने दिल्ली में NCP प्रमुख शरद पवार से उनके घर जाकर मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक चर्चा हुई। 

18 जुलाई से शुरू हो रहा है मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र(Parliament Monsoon session 2022) 18 जुलाई से संभावित है। इसी दिन देश के नए राष्ट्रपति का भी चुनाव होना है। मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र के दौरान ही राज्यसभा के सभापति का भी चुनाव होना है। लिहाजा यह सत्र काफी हंगामेदार होने की संभावना है।  राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा।  21 जुलाई को रिजल्ट आएगा।

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