कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मुस्लिम लीग (Muslim League) को सेक्युलर पार्टी बताया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष एकजुट है। 2024 के लोकसभा चुनाव के रिजल्ट लोगों को चौंकाएंगे।
वाशिंगटन। अमेरिका की यात्रा पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के रिजल्ट लोगों को चौंकाएंगे। गुरुवार को वाशिंगटन में नेशनल प्रेस क्लब में बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष एकजुट है। उन्होंने मुस्लिम लीग को सेक्युलर पार्टी बताया।
राहुल गांधी ने कहा, "मैं सोचता हूं कि कांग्रेस पार्टी अगले दो साल में बेहतर करेगी। छिपी हुई अंडरकरंट बन रही है। मुझे लगता है कि (परिणाम) लोगों को चौंका देगा। भारत में विपक्षी दल अच्छी तरह एकजुट हैं। ये आने वाले दिनों में और एकजुट होंगे। सभी विपक्षी पार्टियों से हमारी बातचीत हो रही है। काफी अच्छा काम हो रहा है।"
राहुल गांधी बोले- अगले 3-4 राज्यों के चुनावों में मिलेगा बेहतर संकेत
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सरकार का मुकाबला करने के लिए कई विपक्षी दल हाथ मिला रहे हैं। बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए पटना में 12 जून को "समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों" का सम्मेलन होगा। बैठक की अध्यक्षता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर सकते हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के रिजल्ट की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "अगले तीन या चार राज्यों के चुनावों का इंतजार करें और देखें... जो होने वाला है उसका एक बेहतर संकेत मिलेगा।”
राहुल बोले-धर्मनिरपेक्ष पार्टी है मुस्लिम लीग
यह पूछे जाने पर कि आपने बात की है कि सेक्युलरिज्म और लोकतंत्र का विरोध भारतीय हिंदू पार्टी भाजपा द्वारा किया जा रहा है। केरल में कांग्रेस ने मुस्लिम पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के साथ गठबंधन किया है। इसपर राहुल गांधी ने कहा, "मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी गैर-धर्मनिरपेक्ष नहीं है।
प्रेस की आजादी पर क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने भारत में प्रेस और धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यकों के सामने आने वाले मुद्दों और अर्थव्यवस्था की स्थिति सहित कई सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा, “देश के संस्थानों पर कब्जा है। प्रेस पर कब्जा है। मैं कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत भर में चला और लाखों लोगों से सीधे बात की। वे मुझे खुश नहीं लग रहे थे। बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे हैं। लोगों में गुस्सा था।”