भारत के खिलाफ साजिश: चीन की सेना में पाकिस्तानी अफसर तैनात, PLA के अलावा चीनी दूतावास में पाक का हस्तक्षेप

चीन का वेस्टर्न कमांड लद्दाख क्षेत्र तो सदर्न कमांड तिब्बत क्षेत्र में है। सदर्न थिएटर कमांड के पास तिब्बत के अलावा चीन के स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन्स जैसे हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ की भी जिम्मेदारी है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2021 2:54 PM IST / Updated: Oct 01 2021, 08:58 PM IST

नई दिल्ली। भारत को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान और चीन मिलकर साजिश रच रहे हैं। पाकिस्तान ने अपने अफसरों को पीएलए में तैनाती दी है। पीएलए चीन की सेना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएलए के वेस्टर्न और सदर्न कमांड में पाकिस्तान ने अपने अफसरों को मदद के लिए तैनात किया है। हालांकि, भारत का रक्षा मंत्रालय लगातार इन हरकतों पर नजर रखे हुए है। शुक्रवार को आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी दो दिनी दौरे पर लद्दाख पहुंच चुके हैं। 

क्यों महत्वपूर्ण है वेस्टर्न और सदर्न कमांड

दरअसल, चीन का वेस्टर्न कमांड लद्दाख क्षेत्र तो सदर्न कमांड तिब्बत क्षेत्र में है। सदर्न थिएटर कमांड के पास तिब्बत के अलावा चीन के स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन्स जैसे हॉन्गकॉन्ग और मकाऊ की भी जिम्मेदारी है। 

चीन की सेना में पाकिस्तान ने कहां-कहां भेजे अफसर

खुफिया सूचनाओं की मानें तो पीएलए की वेस्टर्न और सदर्न कमांड में पाकिस्तान के कुछ कर्नल रैंक के अफसरों को भेजा गया था। इनको कॉम्बेट प्लानिंग, ट्रेनिंग और स्ट्रैटेजी का जिम्मा सौंपा गया है। अभी कुछ दिनों पहले ही चीन ने जनरल वांग हेजियांग को वेस्टर्न कमांड की जिम्मेदारी सौंपी थी। यही नहीं पाकिस्तान ने अपने दस सैन्य अफसरों को चीन की एम्बेसी में भी तैनात किया है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि चीन के प्रमुख ऑफिसों में पाकिस्तानी सेना के अफसरों की तैनाती का मूल उद्देश्य और क्या क्या है। 

इकोनॉमिक कॉरिडोर की सुरक्षा में भी एक अलग यूनिट

पाकिस्तान मीडिया के अनुसार चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए 15 हजार सैनिकों की एक यूनिट बनाई गई है। हालांकि, यह भी दावा किया जा रहा है कि दोनों देशों का यह सयुक्त प्रोजेक्ट फिलहाल बंद है।

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