पाकिस्तानी पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित का विवादित प्रस्ताव, कहा-करतापुर साहिब के बदले कश्मीर दे दो या खालिस्तान बनाओ

अब्दुल बासित ने कहा कि पाकिस्तान में सिखों के पवित्र तीर्थस्थलों विशेष रूप से करतारपुर साहिब को भारत को चाहिए तो वह जम्मू-कश्मीर हमारे हवाले कर दे।

Dheerendra Gopal | Published : May 28, 2024 10:42 AM IST / Updated: May 28 2024, 04:15 PM IST

Abdul Basit controversial statement: भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक विवादित बयान देकर कूटनीतिक पारा चढ़ा दिया है। अब्दुल बासित ने कहा कि पाकिस्तान में सिखों के पवित्र तीर्थस्थलों विशेष रूप से करतारपुर साहिब को भारत को चाहिए तो वह जम्मू-कश्मीर हमारे हवाले कर दे। बासित ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर के बदले करतारपुर कॉरिडोर मांगा जाता तो सिख अपने पवित्र तीर्थस्थलों पर नियंत्रण पा सकते। सिख, अलग खालिस्तान भी बना सकते हैं। भारत से आजादी मिलने पर पाकिस्तान में विलय भी कर सकते हैं।

खालिस्तान आंदोलन को जीवित करें सिख

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एक डिबेट के दौरान अब्दुल बासित ने कहा कि भारत में सिखों का मानना ​​है कि पाकिस्तान में उनके पवित्र मंदिर और करतारपुर साहिब भारत का हिस्सा होना चाहिए लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता है। हां, अगर कोई समाधान लेकर आए कि हम भारत को करतारपुर कॉरिडोर दे दें और बदले में हमें पूरा जम्मू-कश्मीर मिल जाए, तब हम आगे के बारे में सोच सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि सिखों को अपने खालिस्तान आंदोलन को जीवित रखना चाहिए और जब वे भारत से आजादी लेंगे तो वे पाकिस्तान का हिस्सा बन सकते हैं।

 

 

 

 

पीएम के हालिया बयान से गरमाया मुद्दा

दरअसल, अब्दुल बासित का यह विवादित बयान, पीएम मोदी के हालिया बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वह 1971 में सत्ता में होते तो अपने सैनिकों को मुक्त करने से पहले करतारपुर साहिब को पाकिस्तान से ले लेते।

23 मई को पंजाब के पटियाला में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने करतारपुर साहिब का जिक्र किया था। करतारपुर साहिब, सिखों का बेहद पवित्र स्थल है, जहां गुरु नानक देव ने अपने अंतिम वर्ष बिताए थे। उन्होंने देश के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि उन्होंने राष्ट्रीय एकता पर सत्ता को प्राथमिकता दी। पीएम मोदी ने कहा कि 70 वर्षों तक हम करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन केवल दूरबीन से ही कर सकते थे। उन्होंने कहा था कि अगर मोदी उस समय वहां होते तो वह करतापुर साहिब को उनसे ले लेते और फिर अपने सैनिकों को मुक्त करा लेते।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में करतापुर साहिब कॉरिडोर के खुलने का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया लेकिन मैंने उतना किया जितना मैं कर सकता था। इससे सिख तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर की यात्रा करना आसान हो गया।

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