ParikshaPeCharcha: PM मोदी से गुरुमंत्र लेने फुल मस्ती-जोश के मूड में पहुंचे स्टूडेंट्स, देखिए कुछ तस्वीरें

यहां का तालकटोर स्टेडियम 27 जनवरी को एक नए इतिहास का गवाह बना। बोर्ड एग्जाम में शामिल हो रहे स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करने की दिशा में PM मोदी की विशेष पहल यानी 'परीक्षा पर चर्चा-2023के महासंगम के दौरान बच्चों ने खुलकर मोदी से सवाल पूछे।

Amitabh Budholiya | Published : Jan 27, 2023 7:00 AM IST / Updated: Jan 27 2023, 12:42 PM IST

18
परंपरागत ड्रेस में पहुंचे बच्चे

नई दिल्ली(New Delhi). यहां का तालकटोरा स्टेडियम 27 जनवरी को एक नए इतिहास का गवाह बना। बोर्ड एग्जाम में शामिल हो रहे स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करने की दिशा में PM मोदी की विशेष पहल यानी 'परीक्षा पर चर्चा-2023-Pariksha Pe Charcha' के महासंगम के दौरान बच्चों ने खुलकर मोदी से सवाल पूछे। पीएम ने भी बिंदास जवाब दिए। यह परीक्षा पर चर्चा का 6th संस्करण था। इसके लिए रजिस्ट्रेशन 25 नवंबर से 30 दिसंबर तक हुए थे। देखिए कुछ तस्वीरें…

नई दिल्ली में शुक्रवार, 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ट्रेडिशनल ड्रेस में पहुंचे थे छात्र।
 

28
पीएम मोदी को ध्यान से सुनते बच्चे और अभिभावक

पटना से प्रियंका कुमारी, मदुरई से अश्विनी, दिल्ली से नवतेज ने मोदी से जब सवाल किया किअगर नतीजे अच्छे न हों तो परिवार की निराशा से कैसे निपटा जा सकता है?  PM मोदी ने जवाब देते हुए अश्विनी से पूछा कि क्या वे क्रिकेट खेलती हैं? क्रिकेट में गुगली होती है। निशाना एक होता है, दिशा दूसरी होती है। लगता है कि आप पहली बार में मुझे आउट करना चाहती हो। अगर परिवार के लोगों की अपेक्षाएं हैं तो ये स्वाभाविक है। मोदी ने इसी उदाहरण के जरिये कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं होता है। 

38
कार्यक्रम में मोदी के साथ अन्य अतिथि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान।

48
एग्जिबिशन में मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी का दौरा करते हुए।

58
प्रदर्शन देखते पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी में छात्रा से बात करते हुए।

68
खचाखच भरा था ताल कटोरा स्टेडियम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत की। 

यह भी पढ़ें-ParikshaPeCharcha: बच्चों से बोले PM मोदी-'अपनी मां के टाइम मैनेजमेंट स्किल को ध्यान से देखिए, अच्छे से सीख पाएंगे'

78
मोदी से मिलने से खुशी
88
संवाद करते मोदी


सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमे समय के प्रबंधन  के प्रति जागरूक रहना चाहिए। काम का ढेर इसलिए हो जाता है, क्योंकि समय पर उसे नहीं किया। काम करने की कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है।

मेहनती बच्चों को चिंता रहती है कि मैं मेहनत करता हूं और कुछ लोग चोरी कर अपना काम कर लेते हैं। ये जो मूल्यों में बदलाव आया है ये समाज के लिए खतरनाक है। अब जिंगदी बदल चुकी है जगत बहुत बदल चुका है। आज हर कदम पर परीक्षा देनी पड़ती है। नकल से जिंदगी नहीं बन सकती है।

हम राजनीति में कितने ही चुनाव क्यों न जीत लें, लेकिन ऐसा दवाब पैदा किया जाता है कि हमें हारना नहीं है। चारों तरफ से दबाव बनाया जाता है। क्या हमें इन दबावों से दबना चाहिए? अगर आप अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं, तो आप ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबावों के दबाव में न रहें।

ऐसे लोग हैं जो बहुत मेहनत करते हैं। कुछ लोगों के लिए कड़ी मेहनत उनके जीवन के शब्दकोश में मौजूद नहीं है। कुछ मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं, और कुछ स्मार्ट तराके से हार्ड वर्क करते हैं। हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और परिणाम के लिए उसी अनुसार काम करना चाहिए।

एक बार आपने इस बात को स्वीकार कर लिया कि मेरी ये क्षमता है ये स्थिति है तो मुझे इसके अनुकूल चीजें खोजनी होगी। ज्यादातर लोग सामान्य होते हैं, असाधारण लोग बहुत कम होते हैं। सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं और जब सामान्य लोग असामान्य काम करते हैं, तब वे ऊंचाई पर जाते हैं।

आज दुनिया में आर्थिक तुलनात्मक में भारत को एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है। 2-3 साल पहले हमारी सरकार के विषय में लिखा जाता था कि इनके पास कोई अर्थशास्त्री नहीं है सब सामान्य हैं, PM को अर्थशास्त्र के बारे में कुछ नहीं पता। जिस देश को सामान्य कहा जाता था वे आज चमक रहा है।

हर मां-बाप अपने बच्चों का सही मूल्यांकन करें और बच्चों के भीतर हीन भावना को ना आने दें। आदतन आलोचना करने वालों पर ध्यान मत दीजिए... हमें अपना फोकस कभी छोड़ना नहीं चाहिए। मां-बाप से भी मेरा आग्रह है कि टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों को 'मोल्ड' नहीं कर सकते। 'आलोचना' और 'दोष' के बीच एक गहरी और मोटी रेखा है। आलोचनाएं हमें बेहतर बनाती हैं और दोष एक ऐसी चीज़ है जिस पर हमें जीवन में ध्यान भी नहीं देना चाहिए! ताकत पर विश्वास करो, भगवान ने तुम्हें दिया है!

अपनी खुद की स्मार्टनेस पर विश्वास करें, गैजेट्स की स्मार्टनेस पर नहीं। आप जितने ज्यादा स्मार्ट होंगे, आप गैजेट्स का उतना ही सही इस्तेमाल कर पाएंगे। इनका बुद्धिमानी से उपयोग करें!

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos