लोकसभा में स्मोक कनस्टर से पूरे सदन में धुआं-धुआं करने वाले चारों आरोपियों को 7 दिनों की पुलिस कस्टडी

Published : Dec 14, 2023, 06:57 PM ISTUpdated : Dec 14, 2023, 11:36 PM IST
Parliament smoke scare case accused

सार

पटियाला कोर्ट ने चारों आरोपियों को सात दिनों की पुलिस कस्टडी सैंक्शन कर दिया। सभी आरोपियों को एंटी-टेरर एक्ट और UAPA में अरेस्ट किया गया है। 

Parliament smoke bomb scare: संसद भवन के लोकसभा में स्मोक कनस्टर से पूरे सदन को धुआं-धुआं करने वाले चार आरोपियों को कोर्ट ने सात दिनों की कस्टडी में भेज दिया है। पटियाला कोर्ट ने चारों आरोपियों को सात दिनों की पुलिस कस्टडी सैंक्शन कर दिया। सभी आरोपियों को एंटी-टेरर एक्ट और UAPA में अरेस्ट किया गया है। आरोपियों की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ। कोर्ट ने लीगल हेल्प के लिए सीनियर एडवोकेट उमाकांत कटारिया को नियुक्त किया है।

सात दिनों से पुलिस उगलवाएगी सारे राज

बुधवार 13 दिसंबर को संसद पर हमले की बरसी थी। इस दिन संसद सत्र के दौरान लोकसभा में एक बार फिर सांसदों को डराने की कोशिश की गई। लोकसभा सत्र के दौरान दो लोगों ने सदन के अंदर पीले धुएं वाले कनस्तर खोले और पूरे सदन में अफरातफरी मच गई। उसी समय, संसद से बाहर एक युवक व एक युवती तानाशाही के खिलाफ नारे लगाते हुए लाल और पीले रंग के धुएं वाले कनस्टरों को खोलकर अपना विरोध दर्ज कराया। अचानक हुए इस वारदात से संसद के अंदर से लेकर बाहर तक अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। देखते ही देखते सांसद इधर उधर छुपने लगे। पूरे संसद की सिक्योरिटी हाई अलर्ट पर आ गई। पुलिस ने तत्काल चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। गुरुवार को चारों को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। चारों आरोपियों के खिलाफ यूएपीए कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। कोर्ट ने चारों को सात दिनों का पुलिस रिमांड दिया है।

8 सुरक्षाकर्मी सस्पेंड किए गए

संसद में हुई घटना को संसद सचिवालय ने सुरक्षा में चूक मानते हुए 8 सुरक्षा कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। सिक्योरिटी में लगे रामपाल, अरविंद, वीरदास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित व नरेंद्र को सस्पेंशन लेटर जारी कर दिया गया है।

मास्टर माइंड है ललित झा

इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड ललित झा है। ललित झा, मूलत: कोलकाता का रहने वाला है। वह पेशे से शिक्षक है और महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ललित झा और उनकी टीम कुछ ऐसा करना चाहती थी कि जिससे पूरे देश का ध्यान उनकी ओर जाए। इसलिए भगत सिंह की तरह संसद में दहशत फैलाने का निर्णय लिया। हालांकि, यह बात अभी सामने नहीं आ सकी है कि उनका किसी भी आतंकी ग्रुप से कोई संबंध है। 

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