राज्यसभा के 8 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र से निलंबित करने पर बोलीं ममता- 'संसद से सड़क तक करेंगे विरोध'

संसद में मानसून सत्र का आज आठवां दिन है। राज्यसभा में आज विपक्षी सांसदों के हंगामे का मुद्दा उठा। सभापति ने हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने हंगामा करने वाले सांसदों को पूरे सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 21, 2020 4:22 AM IST / Updated: Sep 21 2020, 12:20 PM IST

नई दिल्ली. संसद में मानसून सत्र का आज आठवां दिन है। राज्यसभा सभापति उप राष्ट्रपति वैकेया नायडू ने सदन की कार्यवाही हंगामा करने वाले 8 सांसदों को निलंबित कर दिया है। इन सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू साटव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सयद नाजिर हुसैन और इलामरन करीम के नाम शामिल हैं। इन्हें सदन की कार्यवाही से पूरे सत्र से सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उप-सभापति के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। सभापति की इस कार्यवाही के बाद भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। इसके चलते सदन की कार्यवाही को 11.07 बजे तक स्थगित कर दिया गया है। 

बता दें कि राज्यसभा में बीते दिन रविवार को कृषि से जुड़े दो विधेयकों के पास होने के दौरान विपक्ष के सांसदों ने हंगामा किया था। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक फाड़ दी थी। इतना ही नहीं विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी की और उपसभापति हरिवंश का माइक निकालने की कोशिश की थी।

सांसदों को निलंबित करने पर भड़कीं ममता

राज्यसभा के 8 विपक्षी सांसदों को बचे हुए सत्र से निलंबित करने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध जताया है और ट्वीट किया, ‘8 सांसदों को निलंबित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये सरकार के तानाशाही रवैये को दिखाता है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार का लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं है। हम फासिस्ट सरकार के खिलाफ संसद और सड़क पर लड़ते रहेंगे।’

 

 

सदन की कार्यवाही स्थगित

रविवार को सदन में हंगामा करने वाले सांसदों को सभापति ने सोमवार की सुबह सदन की कार्यवाही से एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया था, लेकिन वो निलंबित होने के बाद भी सदन में मौजूद रहे।  उपसभापति 8 सांसदों को सदन से बाहर जाने को कहा तो इस बीच, कार्रवाई से नाराज विपक्षी दलों के सांसद सदन में हंगामा करने लगे। इसके चलते सदन के कार्रवाई को रोक दिया गया है और उसे सुबह 10.36 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन विपक्षों का हंगामा जारी रहने के चलते इसे बढ़ाकर 11.07 बजे तक कर दिया गया है।

 

लोकसभा में बना नया रिकॉर्ड

संसद में रविवार को एक और नया रिकॉर्ड बना। लोकसभा में जनहित से जुड़े जरूरी मामलों पर बहस (मैटर्स ऑफ अर्जेंट पब्लिक इंपोर्टेंस) या जीरो आवर पहली बार आधी रात तक चली। कई सांसदों और लोकसभा सचिवालय से अधिकारियों ने बताया कि '17 अप्रैल 1952 में लोकसभा के गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है।'

लोकसभा की कार्यवाही रविवार को दोपहर बाद 3 बजे शुरू हुई थी। प्रश्नकाल (क्वेश्चन आवर) के बाद रात 10.30 बजे जीरो आवर शुरू हुआ, जो रात 12.34 बजे तक चला। जीरो आवर में बहस के लिए सांसदों को पहले से प्रश्न बताने की जरूरत नहीं होती।

सदन में हंगामा करने वाली घटना से खफा सभापति वैकेया नायडू

राज्यसभा के सभापति ने सदन में रविवार को हुई घटना पर कहा कि 'राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था। कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका। माइक को तोड़ दिया। रूल बुक को फेंका गया। इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं। उप-सभापति को धमकी दी गई। उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई।'

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