जम्मू एवं कश्मीर (Jammu Kashmir) में जब अनुच्छेद 370 (Article 370) लागू था उसके प्रावधानों के अनुसार दूसरे राज्यों के लोग वहां जमीन (Land) नहीं खरीद सकते थे। सिर्फ राज्य के लोगों को ही वहां पर जमीन और अचल संपत्ति (Property) खरीदने का अधिकार था।
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में अनुच्छेद 370 हटाए (Abrogation of Article 370) जाने के बाद से बाहर के लोगों ने अब तक कुल 7 जमीनें यहां खरीदी हैं। ये सभी जमीनें जम्मू डिवीजन (Jammu Division) में हैं। यह जानकारी बुधवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand rai) ने संसद में दी। राज्यसभा (Rajyasabha) में एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों ने कुल 7 भूखंड खरीदे हैं।
राज्यसभा में पूछा गया था कि क्या जम्मू-कश्मीर राज्य के बाहर के किसी व्यक्ति ने अब तक जम्मू एवं कश्मीर में जमीन खरीदी है। और यदि खरीदी है तो इसका ब्योरा क्या है? इसके जवाब में राय ने बताया - जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार, जम्मू और कश्मीर से बाहर के व्यक्तियों द्वारा कुल 7 भखूंड खरीदे गए हैं।
अगस्त 2019 में हटाया गया था अनुच्छेद 370
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।
अनुच्छेद 370 के चलते बाहरी नहीं खरीद सकते थे जमीन
जम्मू एवं कश्मीर में जब अनुच्छेद 370 लागू था उसके प्रावधानों के अनुसार दूसरे राज्यों के लोग वहां जमीन नहीं खरीद सकते थे। सिर्फ राज्य के लोगों को ही वहां पर जमीन और अचल संपत्ति खरीदने का अधिकार था। केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 खत्म करते वक्त बताया था कि इस कानून के चलते राज्य का विकास नहीं हो पा रहा है। मोदी सरकार ने दावा किया था कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य के बाहर के लोग भी वहां जमीन खरीद सकेंगे और वहां निवेश हो सकेगा।
तेजी से चल रहीं विकास परियोजनाएं
अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार ने विकास परियोजनाएं तेज की हैं। रेल मार्ग से लेकर सड़क मार्ग, नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के निर्माण जारी हैं। दुनिया का सबसे लंबा रेल ब्रिज पूरा हो चुका है। इसके अलावा लेह-श्रीनगर और जम्मू-श्रीनगर को जोड़ने वाले मार्गों पर काम जारी है, जिससे यहां बारहों महीने कनेक्टिविटी मिल सके।
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