देश में नए आपराधिक और दूरसंचार कानून होंगे लागू, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद विधेयक बनें कानून

राष्ट्रपति मुर्मू की सहमति के बाद सबसे महत्वपूर्ण, दूरसंचार विधेयक 2023 भी अब कानून बन चुका है।

 

Dheerendra Gopal | Published : Dec 25, 2023 1:40 PM IST / Updated: Dec 25 2023, 07:38 PM IST

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में तीन पुराने आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए पास हुए तीनों विधेयक अब कानून बन चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सिग्नेचर के बाद तीनों विधेयक, कानून बन चुके हैं। राष्ट्रपति मुर्मू की सहमति के बाद सबसे महत्वपूर्ण, दूरसंचार विधेयक 2023 भी अब कानून बन चुका है।

लोकसभा और राज्यसभा में पास हुए थे तीनों आपराधिक कानून

हाल ही में खत्म हुए संसद के शीतकालीन सत्र में तीन नए आपराधिक कानूनों के लिए विधेयक लाया गया। अमित शाह ने तीनों विधेयकों को पूर्व में पेश किया था। लोकसभा और राज्यसभा में बारी-बारी से बहस के बाद तीनों विधेयकों-भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को पास कराया गया। इन विधेयकों के पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया। राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी है। अब यह कानून बन चुका है।

तीनों नए आपराधिक कानूनों से क्या होगा बदलाव?

तीन नए आपराधिक कानून की मंजूरी के बाद अब IPC की जगह अब भारतीय न्याय संहिता, CrPC की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और इंडियन एवीडेंस एक्ट की जगह अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम कानून होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि सीआरपीसी की धाराओं में बढ़ोतरी की गई है। पहले इसमें 484 धाराएं थीं लेकिन नए कानून में यह बढ़कर 531 हो जाएंगी। आईपीसी की 177 धाराओं में भी कुछ बदलाव हुए हैं। इसमें 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इसमें 39 सब सेक्शन भी जोड़े गए हैं। करीब 44 नए प्रोविजन भी शामिल किए गए हैं।

अमित शाह ने बताया कि नये कानून में किसी भी आरोपी को याचिका दायर करने के लिए सिर्फ 7 दिन का समय मिलेगा। इतना ही नहीं, जज को इन 7 दिनों में हियरिंग करनी होगा। मामले का ट्रायल स्टार्ट करने के लिए मैक्सिमम समय 120 दिन होगा। इसके पहले छूट का कोई नियम नहीं था लेकिन अब अपराध के 30 दिन के अंदर अगर कोई अपना जुर्म कबूल कर लेता है तो सजा कम हो सकती है। इस कानून में ट्रायल के दौरान डॉक्यूमेंट पेश करने का टाइम भी फिक्स कर दिया है, अब 30 दिन के अंदर सभी डॉक्यूमेंट्स पेश करने होंगे।

138 साल पुराने कानून की जगह टेलीकम्युनिकेशन कानून भी मंजूर

संसद में पास हुए दूरसंचार विधेयक 2023 को भी 24 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इसके बाद अब यह विधेयक कानून बन गया है। इस कानून के लागू होने के बाद नेशनल सिक्योरिटी के लिए सरकार दूरसंचार सेवाओं को अपने नियंत्रण में अस्थायी रूप से ले सकती है। यह सरकार को सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति में या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में दूरसंचार नेटवर्क पर कब्ज़ा करने की भी अनुमति देता है। यह कानून 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेगा।

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