पासवान ने SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, अब FIR के लिए जांच की जरूरत नहीं

Published : Feb 10, 2020, 09:37 PM IST
पासवान ने SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत, अब FIR के लिए जांच की जरूरत नहीं

सार

केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता राम विलास पासवान ने सोमवार को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून की वैधता को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री और लोजपा नेता राम विलास पासवान ने सोमवार को अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति संशोधन कानून की वैधता को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पासवान ने SC के फैसले का किया स्वागत

पासवान ने कहा, ‘‘ मैं एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) कानून 2018 की वैधता कायम रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार एससी/एसटी समुदाय को अत्याचार से बचाने और उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है, आज सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर मुहर लगा दी है।’’

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखाते हुए कहा कि अदालत अग्रिम जमानत उन्हीं मामलों में दे सकती है जिनमें प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता।

FIR दर्ज करने के लिए अब प्रारंभिक जांच की जरूरत नहीं होगी

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की पीठ ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरूरत नहीं होगी और न ही इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी। अदालत ने यह फैसला एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) कानून 2018 की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर दिया। यह कानून उच्चतम न्यायालय के 2018 के आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए लाया गया था क्योंकि न्यायालय ने कानून के कड़े प्रावधानों को नरम बना दिया था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)
 

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