Mehbooba Mufti ने कहा-भले ही चुनावी मजबूरियां वजह लेकिन फैसला सही, J & K के राज्य का दर्जा भी होगा बहाल

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला बीजेपी की ओर से केवल अपने मतदाताओं को खुश करने के लिए लिया था। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 19, 2021 4:35 PM IST

श्रीनगर। तीन कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को वापस किए जाने के ऐलान के बाद अब देश के अन्य विवादित कानूनों को लेकर भी बयानबाजी शुरू हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने किसानों को लेकर हुए फैसले पर खुशी जताते हुए उम्मीद जताई है कि मोदी सरकार (Modi Government) जम्मू-कश्मीर के राज्य का स्टेटस पुन: बहाल करने के साथ अनुच्छेद 370 भी बहाल कर देगी। उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। 

सरकार करेगी अपने 'अवैध फैसलों' में सुधार

पीडीपी (PDP) चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र कृषि कानूनों की वापसी का केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में लिए गए 'अवैध फैसलों' में सुधार करेगी। 

ट्वीट कर कहा: भले ही चुनावी मजबूरियां वजह लेकिन फैसला सही

महबूबा ने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ''कृषि कानूनों की वापसी का फैसला और माफी स्वागत योग्य कदम है, भले ही यह चुनावी मजबूरियों और चुनावों में हार के डर से उपजा हो। विडंबना यह है कि जहां भाजपा को वोट के लिए शेष भारत में लोगों को खुश करने की जरूरत है, वहीं कश्मीरियों को दंडित और अपमानित करना उनके प्रमुख वोटबैंक को संतुष्ट करता है।''

जम्मू-कश्मीर के कुछ मतदाताओं को खुश करने के लिए लिया था फैसला

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला बीजेपी की ओर से केवल अपने मतदाताओं को खुश करने के लिए लिया था। 
महबूबा ने लिखा, ''जम्मू-कश्मीर को तोड़ने और शक्तिहीन करने के लिए भारतीय संविधान का अपमान उन्होंने अपने वोटर को खुश करने के लिए लिया था। मुझे उम्मीद है कि वह सुधार करेंगे और अगस्त 2019 में लिए गए अवैध फैसलों को बदलेंगे।''

पीएम मोदी ने गुरुपर्व पर कृषि कानूनों की वापसी का किया था ऐलान

पीएम मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का शुक्रवार को ऐलान किया। सुबह देश के नाम संबोधन में उन्होंने यह ऐलान करने के साथ माफी भी मांगी है। इसी महीने के अंत में संसद सत्र में इसे वापस लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। बता दें कि दिल्ली के बार्डर्स पर करीब एक साल से हजारों की संख्या में किसान डेरा डाल कर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने ऐलान किया था कि कृषि कानूनों को रद्द कराए बिना वह घरों को वापस नहीं लौटेंगे। 

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