राजस्थान SOG टीम मानेसर पहुंची तो हरियाणा पुलिस ने रोका, डेढ़ घंटे बाद ITC होटल में जाने की इजाजत मिली

राजस्थान के सियासी घमासान में शुक्रवार का दिन काफी अहम रहा। जहां एक तरफ स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और 21 जुलाई तक स्पीकर की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई। वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत के ओएसडी द्वारा जारी ऑडियो की जांच के लिए राजस्थान एसओजी की टीम मानेसर के आईटीसी होटल पहुंची है। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 17, 2020 11:37 AM IST / Updated: Jul 17 2020, 08:10 PM IST

नई दिल्ली. राजस्थान के सियासी घमासान में शुक्रवार का दिन काफी अहम रहा। जहां एक तरफ स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और 21 जुलाई तक स्पीकर की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई। वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत के ओएसडी द्वारा जारी ऑडियो की जांच के लिए राजस्थान एसओजी की टीम मानेसर के आईटीसी होटल पहुंची है।   

अपडेट्स...

राजस्थान SOG की टीम मानेसर के ITC होटल पहुंची। लेकिन आधे घंटे से होटल के बाहर खड़ी है। उन्हें वहां पर होटल के अंदर एंट्री नहीं मिली है। 

राजस्थान ऑडियो केस में क्या हुआ?

अशोक गहलोत के ओएसडी ने मीडिया में 3 ऑडियो जारी किए। दावा किया है कि समें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा, विश्वेन्द्र और संजय सौदेबाजी कर रहे हैं। हालांकि, शेखावत और भंवरलाल ने इसे फर्जी करार देते हुए कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सचिन पायलट और भाजपा पर सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उनके पास इसके सबूत भी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि गहलोत इन्हीं ऑडियो का जिक्र कर रहे हों। इसी ऑडियो को लेकर पूछताछ के लिए राजस्थान SOG की टीम मानेसर पहुंची है।

राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या दलीलें दी गईं?

राजस्थान के सियासी घमासान में सचिन पायलट को पहली जीत मिली है। हाईकोर्ट ने स्पीकर की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को स्पीकर के नोटिस के खिलाफ सुनवाई हुई, जिसमें सभी ने अपने पक्ष रखे। सोमवार को भी सुनवाई होगी। मंगलवार शाम पांच बजे तक अब स्पीकर बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। बता दें कि सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कोर्ट में विधानसभा स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि नोटिस दिया जाना सही है। विधायकों ने व्हिप का उल्लघन किया है। 

विधायकों को परेशान किया जा रहा- मुकुल रोहतगी ने कहा कि नोटिस जारी कर विधायकों को परेशान किया जा रहा है। 

स्पीकर पक्षपात कर रहे हैं- हरीश साल्वे ने कोर्ट में कहा, स्पीकर पक्षपात कर रहे हैं। स्पीकर की मंशा ठीक नहीं है। सचिन पायलट और कांग्रेस के अन्य 18 बागी विधायकों की याचिका पर बागी विधायकों की पैरवी हरीश साल्वे कर रहे हैं।

पायलट गुट ने विद्रोह नहीं किया- मुकुल रोहतगी ने कहा कि पायलट गुट ने विद्रोह नहीं किया है। विधायकों ने पार्टी के अंदर आवाज उठाई है। अयोग्य ठहराने का मामला ही नहीं बनता है। 

19 विधायकों को नोटिस क्यों जारी हुआ?
दरअसल, कांग्रेस ने एक के बाद एक लगातार दो दिनों तक विधायक दल की बैठक बुलाई। इसमें सचिन पायलट सहित 19 विधायक शामिल नहीं हुए। इसके बाद स्पीकर ने 19 विधायकों के खिलाफ नोटिस कर जवाब मांगा। इसके बाद कार्रवाई की बात कही। नोटिस में विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने की कांग्रेस की मांग पर शुक्रवार तक जवाब देने के लिए कहा गया है। 

क्या है मामला?
अशोक गहलोत के ओएसडी ने मीडिया में 3 ऑडियो जारी किए थे। दावा है कि इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा, विश्वेन्द्र और संजय सौदेबाजी कर रहे हैं। हालांकि, शेखावत और भंवरलाल ने इसे फर्जी करार देते हुए कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सचिन पायलट और भाजपा पर सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उनके पास इसके सबूत भी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि गहलोत इन्हीं ऑडियो का जिक्र कर रहे हों।
 

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