सुप्रीम कोर्ट ने देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करनेवाली याचिका को खारिज किया। कोर्ट ने कहा कि इस याचिका की कॉपी को संबंधित मंत्रालय में भेजा जाए वहीं फैसला होगा। दिल्ली के रहने वाले नमह नाम के शख्स ने याचिका लगाई थी।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करनेवाली याचिका को खारिज किया। कोर्ट ने कहा कि इस याचिका की कॉपी को संबंधित मंत्रालय में भेजा जाए वहीं फैसला होगा। दिल्ली के रहने वाले नमह नाम के शख्स ने याचिका लगाई थी। उसने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन कर इंडिया शब्द हटा दिया जाए। याचिका में कहा गया है कि इसकी जगह भारत या हिन्दुस्तान कर दिया जाए।
मंगलवार को होनी थी सुनवाई
इससे पहले इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी थी लेकिन उसे टालकर बुधवार को की गई। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह संविधान में बदलाव करे और इंडिया शब्द को बदलकर हिंदुस्तान या फिर भारत कर दे।
इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक
याचिकाकर्ता का कहना था कि इंडिया शब्द गुलामी का प्रतीक लगता है। देश को मूल और प्रमाणिक नाम भारत से ही मान्यता दी जानी चाहिए।
भारत नाम कैसे पड़ा?
मान्यता है कि देश का भारत नाम भगवान राम के पूर्वज सम्राट भरत के नाम पर पड़ा। भरत चक्रवर्ती सम्राट थे। उनका साम्राज्य कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला था। भरत काफी बहादुर थे। वे बचपन से ही शेर के साथ खेलते थे। उनके नाम पर ही देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। इसके अलावा भारत नाम को लेकर एक और मत है। बताया जाता है कि जब आर्य यहां आए तो वे बहुत सारे कबीलों के तौर पर विभिन्न हिस्सों में फैल गए। इनमें सबसे बड़ा कबीला भारत कहलाता था, इसी के नाम पर भारत पड़ा।
हिंदुस्तान नाम के पीछे क्या है कहानी?
हिमालय के पश्चिम क्षेत्र में सिंधु नदी बहती है। इसके आसपास के इलाके को सिंधु घाटी कहते हैं। मध्ययुग के दौरान तुर्किस्तान से कुछ विदेशी लुटेरे और ईरानी लोग देश में आएं तो सबसे पहले सिंधु घाटी पहुंचे। यहां के लोगों को उन्होंने हिंदु नाम से जाना। हिन्दुओं के देश को उन्होंने हिन्दुस्तान नाम दिया और यही प्रचलित हुआ।