फोन हैकिंग विवाद: एप्पल को संसद की स्थायी समिति के सामने देना पड़ सकता है जवाब, सरकार का रुख सख्त

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने एप्पल के फोन हैकिंग विवाद को गंभीरता से लिया है। एप्पल को इस मामले में समन भेजने पर विचार किया जा रहा है। ऐसा होता है तो एप्पल को पूछताछ के लिए पेश होना पड़ेगा।

Vivek Kumar | Published : Nov 1, 2023 9:13 AM IST / Updated: Nov 01 2023, 02:47 PM IST

नई दिल्ली। एप्पल के आईफोन की हैकिंग को लेकर आए मैसेज के बाद शुरू हुआ विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। इस मामले में सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जहां जांच के आदेश दिए हैं वहीं, संसदीय स्थायी समिति भी एक्शन में है।

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। वह एप्पल को पूछताछ के लिए बुलाने पर विचार कर रही है। समिति द्वारा समन भेजा जाता है तो एप्पल के अधिकारी को पूछताछ के लिए पेश होना होगा। समिति ने फोन हैकिंग मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

विपक्षी नेताओं को आया था अलर्ट रहने वाला मैसेज

बता दें कि मंगलवार को विपक्षी नेताओं को उनके आईफोन पर सतर्क रहने की अपील वाला मैसेज मिला था। इन नेताओं में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना उद्धव खेमा), एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आप नेता राघव चड्ढा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, समाजवादी नेता अखिलेश यादव शामिल हैं। टेक्स्ट मैसेज में लिखा था कि आपका मोबाइल डेटा चोरी हो सकता है, सतर्क रहें।

Apple के नोटिफिकेशन में लिखी थी ये बातें

सांसदों ने Apple के नोटिफिकेशन को शेयर किया था। इसमें लिखा था, "Apple का मानना है कि आपको राज्य-प्रायोजित हमलावरों द्वारा टारगेट किया जा रहा है। वे आपके Apple ID से जुड़े iPhone को रिमोटली प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। आप कौन हैं या आप क्या करते हैं। इसके आधार पर ये हमलावर संभवतः आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं। यदि आपके डिवाइस के साथ किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है तो वे आपके संवेदनशील डेटा, कम्यूनिकेशन, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं। हालांकि यह संभव है कि यह एक गलत अलार्म है, कृपया इस चेतावनी को गंभीरता से लें।"

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विपक्षी दलों के नेताओं ने बनाया बड़ा मुद्दा

अलर्ट मैसेज मिलने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया। उन्होंने आरोप लगाए कि सरकार अपने विरोधियों के फोन टैप करा रही है। मामले के तूल पकड़ने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने आरोपों को खारिज किया और कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने ऐसे नेता जिन्हें मैसेज मिले हैं उनसे जांच में सहयोग करने की अपील की।

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा, "हम डरे हुए नहीं हैं। आप जितना चाहो (फोन) टैपिंग कर लो। मुझे कोई परवाह नहीं। अगर आप मेरा फोन लेना चाहते हैं तो मैं देने को तैयार हूं।"

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