राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक रहे पारीक जनसंघ के समय से ही अटल बिहारी वाजपेयी के साथ थे। भाजपा नेताओं का कहना है कि 1968 से पारीक वाजपेयी के निकट रहे और अंतिम समय तक उनके साथ रहे। शनिवार को दिल्ली में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर दुख जताया है।
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के निजी सचिव रहे शिवकुमार पारीक (Shivkumar parik) का शनिवार को दिल्ली में निधन हो गया है। 83 वर्षीय पारीक का अंतिम संस्कार आज राजस्थान में होगा। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra modi) ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया - श्री शिव कुमार पारीक जी के निधन से दुखी हूं। हमारी पार्टी की विचारधारा में मजबूती से उन्होंने खुद को सेवा, राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित कर दिया और अटल जी के साथ मिलकर काम किया। उनके परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति।
नानाजी देशमुख ने सुझाया था नाम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक रहे पारीक जनसंघ के समय से ही अटल बिहारी वाजपेयी के साथ थे। भाजपा नेताओं का कहना है कि 1968 से पारीक वाजपेयी के निकट रहे और अंतिम समय तक उनके साथ रहे। राजस्थान के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता घनश्याम तिवाड़ी बताते हैं कि 1968 में अटल जी को किसी ऐसे सहयोगी की जरूरत महसूस हुई, तो उसके साथ साए की तरह रह सके। इस पर नानाजी देशमुख ने उन्हें पारीक का नाम सुझाया था। पारीक के दो पुत्र महेश और दिनेश हैं।
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कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
पारीक के निधन पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया- जनसंघ के जमाने से पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी के घनिष्ठ सहयोगी रहे श्री शिवकुमार पारीक जी के निधन के समाचार से गहरा दुख हुआ है। राष्ट्रवादी विचारों, मानवी मूल्यों और आदर्शों से उन्होंने असंख्य कार्यकर्ताओं को पोषित करने का भी काम किया। ईश्वर पुण्यात्मा को अपनी शरण में लें एवं उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। ओम शांति। भाजपा के अन्य नेताओं ने भी पारीक को श्रद्धांजलि दी।
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