सार
Evacuation From ukraine : भारत ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले से तीन दिन पहले अपने छात्रों के लिए वापस लौटने की एडवायजरी जारी की थी। कोविड के चलते यूक्रेन से उस समय बहुत अधिक उड़ानें नहीं थीं, लेकिन भारत ने सभी प्रतिबंध हटाते हुए उड़ानों की संख्या बढ़ा दी। 24 फरवरी को यूक्रेनी एयर स्पेस बंद होने के बाद से मोदी सरकार ने ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) शुरू कर भारतीयों को तेजी से निकाला।
नई दिल्ली। यू्क्रेन में फंसे भारतीयों (Indians Stucked in ukraine) को निकालने के लिए मोदी सरकार चौबीसों घंटे डटी है। रविवार सुबह एयरफोर्स (Indian Airforce) का विमान रोमानिया के बुखारेस्ट से 210 छात्रों को लेकर हिंडन एयरबेस पहुंचा। इससे पहले एक और विशेष उड़ान बुडापेस्ट से 183 छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंची थी। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक तकरीबन 14 हजार छात्र (13,693 सुबह 8 बजे तक)यूक्रेन से भारत वापस आ चुके हैं। सरकार का टारगेट 10 मार्च तक सभी फंसे हुए लोगों को निकालने का है। अभी यूक्रेन में 13 हजार लोगों के फंसे होने की उम्मीद है।
हमले से पहले ही छात्रों को लाने में लग गई थी सरकार
भारत ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले (Russia Attack on Ukraine) से तीन दिन पहले अपने छात्रों के लिए वापस लौटने की एडवायजरी (Advisory) जारी की थी। कोविड के चलते यूक्रेन से उस समय बहुत अधिक उड़ानें नहीं थीं, लेकिन भारत ने सभी प्रतिबंध हटाते हुए उड़ानों की संख्या बढ़ा दी। हालांकि 24 को युद्ध शुरू होते ही यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस बंद कर दिया, जिसके बाद छात्रों को निकालने के लिए मोदी सरकार ने ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) शुरू किया।
रोज 15 से 20 उड़ानें छात्रों को वापस ला रहीं
ऑपरेशन गंगा के तहत शनिवार को 15 उड़ानें यूक्रेन के 2900 छात्रों काे लेकर भारत लौटीं। हर रोज 15 से 20 उड़ानें यूक्रेनी छात्रों को पोलैंड, हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया और मोल्डोवा से लेकर वापस आ रही हैं। इस ऑपरेशन में एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को भी शामिल किया गया है।
बॉर्डर पर डटे चार केंद्रीय मंत्री लगे
ऑपरेशन गंगा (Opearation Ganga) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बार हाई लेवल मीटिंग (Pm modi High level meeting)की। छात्रों को दूसरे देश की सीमाआंे पर दिक्कत नहीं हो, इसलिए चार केंद्रीय मंत्रियों को पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, मोल्डोवा और रोमानिया भेजा। यह मंत्री अभियान में डटे हुए हैं और छात्रों को निकालने के लिए इन देशों से कोऑर्डिनेशन कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप पुरी, किरन रिजिजू और जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह इस अभियान में लगे हैं। चार मंत्रियों के अलावा 24 मंत्री यूक्रेन से आने वालों को हवाई अड्डों पर रिसीव कर रहे हैं।
सुमी से निकालना थोड़ा मुश्किल
यूक्रेन के सुमी में भी भारत के करीब 700 छात्र फंसे हैं। सरकार के सूत्रों के मुताबिक वहां परिवहन का कोई साधन नहीं है, इसलिए उन छात्रों को निकालना मुश्किल हो रहा है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यहां सीजफायर में ही छात्रों को सुरक्षित निकालना संभव है। इस बीच, मोदी सरकार ने पिसोचिन में फंसे छात्रों के लिए शनिवार को 5 बसों का इंतजाम किया। उन्हें इन बसों के जरिये बॉर्डर तक पहुंचाया गया।